जी20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दिल्ली पहुंच चुके हैं। जो बाइडेन की सिक्योरिटी में US सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स के अलावा 300 जवान तैनात रहेंगे। साथ ही SPG कमांडो भी सुरक्षा देंगे।
G20 Summit 2023: जी20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दिल्ली पहुंच चुके हैं। जो बाइडेन की सिक्योरिटी में यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स के अलावा 300 जवान तैनात रहेंगे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जिस भी होटल में ठहरते हैं, वहां से चंद मिनट की दूरी पर ही हॉस्पिटल होता है। आखिर बड़े अस्पताल के पास वाले होटल में ही क्यों ठहरते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति, इसके पीछे क्या है प्रोटोकॉल, जानते हैं।
10 मिनट की दूरी पर हॉस्पिटल का क्या है प्रोटोकॉल
अमेरिकी राष्ट्रपति जिस होटल में रुकते हैं, उससे सिर्फ 10 मिनट की दूरी पर हॉस्पिटल का होना बेहद जरूरी है। ऐसा किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन से निपटने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जहां ठहरते हैं, वहां के नजदीकी अस्पताल में यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स तैनात होते हैं। किसी भी आपात स्थिति में वे डॉक्टर से बात कर फौरन ट्रीटमेंट शुरू करवा सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाले खून का भी इंतजाम
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाले खून का भी इंतजाम पहले से होता है। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति की स्पेशल कैडिलेक 'द बीस्ट' कार में ही ब्लड ग्रुप वाला खून रखा होता है। बता दें कि यूएस प्रेसिडेंट की सिक्योरिटी में कोई खामी न रहे, इसके लिए उन्हें होटल ITC मौर्या की 14वीं मंजिल पर रुकवाया गया है। यहां के 400 कमरे बाइडेन और उनके स्टॉफ के लिए पहले से ही बुक कर लिए गए हैं।
3 लेयर सिक्योरिटी में रहते हैं US प्रेसिडेंट
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा 3 लेयर की होती है। सबसे फर्स्ट लेयर की सिक्योरिटी उनके बेहद करीब होती है। ये राष्ट्रपति के प्रोटेक्टिव डिवीजन एजेंट होते हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स रहते हैं। बाद में तीसरी लेयर की सुरक्षा में स्पेशल फोर्स होती है। बता दें कि भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति की सिक्योरिटी के लिए खासतौर पर SPG कमांडो भी लगाए गए हैं। कुल मिलाकर करीब 400 लोग उनकी सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे।
किसी भी दौरे से 3 महीने पहले होती है जांच
अमेरिकी राष्ट्रपति जब भी बाहर के देशों में यात्रा के लिए जाते हैं, तो उससे 3 महीने पहले ही US सीक्रेट सर्विस के एजेंट वहां सिक्योरिटी के नजरिए से पूरी जांच करते हैं। इसके बाद जब यूएस प्रेसिडेंट अपने तय समय पर वहां पहुंचते हैं, तो उनके साथ यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स की पूरी टीम साथ होती है।
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