क्या है OCI कार्ड जिसे रद्द कर खालिस्तानियों की हवा टाइट कर देगा भारत?

कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं रद्द करने के बाद अब खालिस्तानियों पर भी सख्ती बरतने की तैयारी है। इंडिया विरोधी कैंपेन चलाने वालों का भारत सरकार OCI कार्ड रद्द करने जा रही है।

बिजनेस डेस्क : भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) खुद फंस गए हैं। भारत ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ एक्शन लिए हैं। कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवाएं रद्द करने के बाद अब खालिस्तानियों पर भी सख्ती कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत अब कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका के खालिस्तानियों का OCI कार्ड रद्द करेगा। ऐसे लोग जो विदेश में रहकर एंटी-इंडिया कैंपेन चला रहे हैं, उनके लिए सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है। आइए जानते हैं आखिर ये OCI कार्ड क्या होता है, कब इसकी शुरुआत की गई थी और इसके क्या फायदे हैं...

OCI कार्ड क्या है

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OCI मतलब ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ इंडिया (Overseas Citizen of India)... यह कार्ड भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को भारत में अनिश्चित समय तक रहने और काम करने के लिए दिया जाता है। इसका आसान मतलब यह है कि ऐसा भारतीय, जो अब विदेश की नागरिकता ले चुके हैं और वहां ही बस गए हैं, उन्हें भारत में काम करने की अनुमति के लिए ओसीआई कार्ड दिया जाता है।

OCI कार्ड की शुरुआत कब हुई थी

भारतीय नागरिकता कानून के मुताबिक, अगर कोई भारतीय दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो उसे भारत की नागरिकता छोड़नी पड़ेगी। जब यह कानून आया, तब कई लोग दूसरे देश की नागरिकता ले चुके थे और भारत से भी उनका जुड़ाव बना हुआ था। ऐसे में भारत आने के लिए उन्हें बार-बार वीजा के लिए अप्लाई करना पड़ता था। भारतीय मूल के ऐसे लोगों की समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने साल 2003 में PIO कार्ड यानी पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (Person of Indian Origin) की शुरुआत की। यह 10 साल के लिए जारी किया जाता था। लेकिन साल 2006 में प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर भारत सरकार ने ऐसे लोगों को OCI कार्ड देने का ऐलान किया। काफी दिनों तक दोनों कार्ड चलते रहे लेकिन साल 2015 में पीआईओ कार्ड को खत्म कर दिया गया और OCI कार्ड बरकरार रखा गया।

OCI कार्ड पाने की क्या शर्तें और फायदे

OCI कार्डधारक क्या कर सकते हैं, क्या नहीं

आम भारतीयों की तरह ही ओसीआई कार्डधारकों के पास भी कई अधिकार होते हैं। हालांकि, वे कुछ काम नहीं कर सकते हैं। उन्हें वोटिंग और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। संवैधानिक पद पर काम या सरकारी नौकरी करने की अनुमति नहीं है। खेती के लिए जमीन नहीं खरीद सकते हैं।

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