सोना, शेयर या PPF: पैसे को सबसे तेजी से कौन बढ़ाएगा? देख लीजिए 30 साल का डेटा

Published : Sep 01, 2025, 03:25 PM IST
Equity vs Gold vs PPF

सार

Best Investment Options: गोल्ड, इक्विटी और पीपीएफ में निवेश के बेनिफिट्स अलग-अलग हैं। लॉन्ग टर्म के डेटा से पता चलता है कि तीनों ऑप्शन निवेशकों की पसंद हैं। अगर आप भी इनमें से एक को अपना इन्वेस्टमेंट बनाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में डिटेल्स जानिए.. 

Gold vs Equity vs PPF: 'पैसा कहां लगाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके', निवेश करने से पहले ज्यादातर इन्वेस्टर्स यही सोचते हैं। इसके लिए बैंक एफडी और पीपीएफ जैसी फिक्स्ड इनकम प्लान्स, गोल्ड-सिल्वर जैसे मेटल्स और शेयर मार्केट मार्केट ढेर सारे ऑप्शन हैं। लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए बेस्ट चॉइस कौन है? 15-30 साल का डेटा देखें तो इक्विटी आमतौर पर बाकी सभी एसेट क्लासेज को पीछे छोड़ देती है। आइए जानते हैं लॉन्ग टर्म में तीनों का रिटर्न...

शेयर क्यों है बाकी ऑप्शन से बेस्ट?

लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, 1995 से 2005 तक, निफ्टी 500 ने 15.2% CAGR रिटर्न दिया, जबकि सेंसेक्स 14.1% पर रहा और सोने ने 12.5% का रिटर्न दिया। वहीं, PPF और FD का रिटर्न सिर्फ 8.1% और 7.2% ही रहा। 20 साल और 15 साल के पीरियड पर भी यही ट्रेंड दिखता है। । एक्सपर्ट्स के अनुसार, लॉन्ग टर्म में शेयर निवेश सबसे बेहतर होता है। निफ्टी 500 जैसे ब्रॉड मार्केट इंडेक्स से 20-30 साल में 14-15% CAGR की उम्मीद की जा सकती है, जो फिक्स्ड इनकम या सोने से काफी ज्यादा है।

क्या हैं कारण

इसके पीछे मुख्य वजह भारत की तेजी से ग्रोथ करती इकोनॉमी, कंपनियों की बढ़ती प्रॉफिटेबिलिटी, शानदार कॉर्पोरेट गवर्नेंस और रिटेल-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टमेंट का फॉर्म हैं। ये सभी फैक्टर्स मिलकर लॉन्ग टर्म में इन्वेस्टर्स को बेहतर रिटर्न देने में मदद करते हैं।

सोने में निवेश का रिटर्न कितना रहा है?

सोना 1 सितंबर 2025 को ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। इस साल करीब 28% तेजी के साथ यह चर्चाओं में आया। एक्सपर्ट्स के अनुसार,गोल्ड लंबे समय में 11-12% रिटर्न दे चुका है और इक्विटी या डेब्ट के मुकाबले कम वोलेटाइल है। यह पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के लिए अहम है, लेकिन लॉन्ग टर्म की वेल्थ क्रिएशन में इसका रोल सीमित है।

पोर्टफोलियो में सही बैलेंस कैसे बनाएं?

यूथ इन्वेस्टर्स

डेटा और एक्सपर्ट्स के अनुसार, इक्विटी में रिटर्न ज्यादा मिलता है, लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी भी ज्यादा होती है। इसलिए निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में बैलेंस बनाना जरूरी है। जिनकी उम्र 20 से 30 साल है, वे लॉन्ग टर्म में करीब 70% तक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। बाकी 15% डेब्ट और 15% गोल्ड में रख सकते हैं। इक्विटी को निफ्टी 50, निफ्टी 500, और मिड-स्मॉल कैप फंड्स में बांटना चाहिए।

सीनियर इन्वेस्टर्स

एक्सपर्ट्स के अनुसार, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उन्हें मौजूदा इनकम और जरूरत ज्यादा होने की वजह से सिर्फ 15-20% ही इक्विटी में निवेश करना चाहिए। 65-70% फिक्स्ड इनकम और बची हुई राशि गोल्ड में रख सकते हैं।

Disclaimer: इस आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दिए गए डेटा को वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर, सोना, PPF या अन्य निवेश जोखिम के अधीन होता है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

इसे भी पढ़ें- दशहरा-दीवाली तक सोना कितना महंगा हो सकता है? जानिए एक्सपर्ट का अनुमान

 

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