GST से भर गया सरकार का खजाना, जून महीने में हुआ इतने लाख करोड़ का कलेक्शन

जून, 2023 में सरकार का खजाना भर गया है। भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) का रेवेन्यू कलेक्शन 1,61,497 करोड़ रुपए रहा। साल-दर-साल आधार पर देखें तो इसमें 12% की ग्रोथ हुई है।

Ganesh Mishra | Published : Jul 2, 2023 3:52 PM IST

GST Collection: जून, 2023 में सरकार का खजाना भर गया है। भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) का रेवेन्यू कलेक्शन 1,61,497 करोड़ रुपए रहा। साल-दर-साल आधार पर देखें तो इसमें 12% की ग्रोथ हुई है। बता दें कि मई, 2023 में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1,57,090 करोड़ रुपए रहा था। पिछले महीने की तुलना में यानी बीते महीने से ये 4,407 करोड़ रुपए ज्यादा रहा है।

अप्रैल, 2023 में हुआ था सबसे ज्यादा GST कलेक्शन

बता दें कि देश में GST लागू होने के बाद इस अप्रैल, 2023 में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन किया गया था। वित्त वर्ष 2021-22 में एवरेज मंथली जीएसटी कलेक्शन 1.10 लाख करोड़ रुपए रहा था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, 2023-24 की पहली तिमाही में औसत कलेक्शन 1.69 लाख करोड़ रुपए रहा है।

सेंट्रल और स्टेट GST का कितना हिस्सा?

सरकार की तरफ से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जून 2023 में हुए कुल जीएसटी कलेक्शन में से सेंट्रल जीएसटी (CGST) 31,013 करोड़ रुपए और स्टेट जीएसटी (SGST) 38,292 करोड़ रुपये शामिल है। मासिक जीएसटी रेवेन्यू के डेटा पर गौर करें तो लगातार 16 महीनों से ये 1.4 लाख करोड़ रुपए के ऊपर बना हुआ है।

2022-23 में कैसा रहा GST कलेक्शन?

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में कुल GST कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपए रहा। हर महीने GST कलेक्शन के एवरेज को देखें तो यह 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं 2022-23 में GST का ग्रॉस रेवेन्यू, पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक रहा है। बता दें कि 1 जुलाई, 2017 को पुरानी अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था की जगह वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था।

क्या है GST?

जब भी हम कोई सामान खरीदते हैं या सेवा लेते हैं तो उसके बदले टैक्स चुकाना होता है। इसी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स या GST कहते हैं। पहले यह टैक्स व्यवस्था अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग थी, लेकिन फिर इसे हर एक राज्य के लिए एकसमान कर दिया गया। अब देश के किसी भी कोने में एक सामान के लिए उतना ही टैक्स देना पड़ता है, जितना दूसरे राज्यों में देना होता है। बता दें कि 1 अप्रैल, 2018 तक जीएसटी में नामांकित देश में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 1.03 करोड़ थी, जो 1 अप्रैल, 2023 तक बढ़कर 1.36 करोड़ पहुंच गई है।

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