सरकार को GST से मिले 1.87 लाख करोड़ रुपए, जानें पिछले साल की तुलना में कितने प्रतिशत बढ़ा कलेक्शन

अप्रैल, 2023 में जीएसटी कलेक्शन के मामले में एक नया रिकॉर्ड बन गया है। जीएसटी कलेक्शन के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक, अप्रैल 2023 में रिकॉर्ड 1,87,035 लाख करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन हुआ है, जो अब तक सबसे ज्यादा है। 

Ganesh Mishra | Published : May 1, 2023 1:41 PM IST / Updated: May 01 2023, 07:13 PM IST

GST Collection Data: अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर है। अप्रैल, 2023 में जीएसटी कलेक्शन के मामले में एक नया रिकॉर्ड बन गया है। जीएसटी कलेक्शन के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक, अप्रैल 2023 में रिकॉर्ड 1,87,035 लाख करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन हुआ है। इससे पहले मार्च, 2023 में देशभर में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,60,122 करोड़ रुपए था।

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक, अप्रैल 2023 में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ गया है। अप्रैल 2022 में जीएसटी कलेक्शन 1,67,540 करोड़ रुपए रहा था। इस हिसाब से पिछले साल के अप्रैल की तुलना में इस अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 19,495 करोड़ रुपए बढ़ गया है।

जानें कहां से हुआ कितना कलेक्शन?

बता दें कि कुल GST कलेक्शन में CGST 38,440 करोड़ रुपए, SGST 47,412 करोड़ रुपए और IGST 89,158 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा सेस 12,025 करोड़ रुपए कलेक्ट हुआ है। बता दें कि GST में कुल चार स्लैब हैं, जिनमें 5, 12, 18 और 28% का टैक्स है। हालांकि, गोल्ड और गोल्ड से बनी ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है। कुछ प्रोडक्ट ऐसे भी हैं, जिन पर GST नहीं लगता है।

वित्त वर्ष 2022-23 में ऐसा रहा GST कलेक्शन

वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 18.10 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन आया है। अगर हर महीने GST कलेक्शन के औसत की बात करें तो यह 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं 2022-23 में GST का ग्रॉस रेवेन्यू, पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में करीब 22% अधिक रहा है।

 

 

रिकॉर्ड GST कलेक्शन पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट

रिकॉर्ड GST कलेक्शन पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा- ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी खबर है। कम टैक्स रेट के बावजूद टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी बताती है कि जीएसटी किस तरह इंटीग्रेशन में कामयाब रहा है।

क्या है GST?

जब भी हम कोई सामान खरीदते हैं या कोई सर्विस लेते हैं तो उसके बदले टैक्स चुकाना होता है। इसी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी GST कहते हैं। अब हम ‘एक देश, एक टैक्स’ व्यवस्था के ​तहत टैक्स चुकाते हैं। पहले यह टैक्स अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हुआ करता था। हालांकि, अब देश के किसी भी कोने में एक सामान के लिए उतना ही टैक्स देना होगा, जितना दूसरे राज्यों में देना होता है। जीएसटी को 3 प्रकार में बांटा है। इनमें सेंट्रल जीएसटी (CGST), स्टेट जीएसटी (SGST) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) शामिल हैं।

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