'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती', जानें हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपने पत्र में गौतम अडानी ने क्या कहा

Published : Sep 24, 2025, 04:49 PM IST
Gautam Adani

सार

Hindenburg Report में लगाए गए आरोपों को SEBI ने खारिज किया है। अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने इस संबंध में शेयरधारकों को पत्र लिखा है। कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भारतीय उद्यमों के वैश्विक स्तर पर सपने देखने के साहस को सीधी चुनौती थी।

Hindenburg Report: भारत के बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने 18 सितंबर 2025 को अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और समूह की कंपनियों (अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर) के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था। 24 सितंबर को गौतम अडानी ने शेयरधारकों को पत्र लिखकर इस मामले में अपने विचार शेयर किए हैं।

गौतम अडानी का पत्र

प्रिय साथी शेयरधारकों,

24 जनवरी 2023 को एक ऐसी सुबह के रूप में याद किया जाएगा जब भारतीय बाजार ऐसी सुर्खियों के साथ जागे जिनकी गूंज दलाल स्ट्रीट से कहीं आगे तक पहुंची। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सिर्फ आपके अडानी समूह की आलोचना नहीं थी। यह भारतीय उद्यमों के वैश्विक स्तर पर सपने देखने के साहस को सीधी चुनौती थी।

आपके समूह के लिए, यह एक ऐसे टेस्ट की शुरुआत थी जिसने हमारी लचीलेपन के हर आयाम को चुनौती दी। इसने हमारे शासन, हमारे उद्देश्य और यहां तक कि इस विचार पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया कि भारतीय कंपनियां पैमाने और महत्वाकांक्षा के मामले में दुनिया का नेतृत्व करने का साहस कर सकती हैं।

पिछले सप्ताह SEBI ने हमारे खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट फैसला सुनाया। सेबी के स्पष्ट और अंतिम वचन के साथ, सत्य की जीत हुई है या जैसा कि हमने हमेशा कहा है, सत्यमेव जयते। जो हमें कमजोर करने के लिए किया गया था उसने हमारी नींव के मूल को मजबूत कर दिया है।

यह क्षण सिर्फ एक नियामक मंजूरी से कहीं बढ़कर है। यह उस पारदर्शिता, शासन और उद्देश्य का एक सशक्त प्रमाण है, जिसके साथ आपकी कंपनी हमेशा से संचालित होती रही है। हमारे लचीलेपन का सबसे सच्चा प्रमाण शब्दों में नहीं, बल्कि इस अवधि के दौरान हमारे प्रदर्शन में निहित है।

EBITDA ग्रोथ: पोर्टफोलियो EBITDA वित्त वर्ष 23 में 57,205 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 89,806 करोड़ रुपए हो गया। 32,601 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई। यह लगभग 57% की पूर्ण वृद्धि और 25% की दो-वर्षीय CAGR को दर्शाता है।

संपत्ति का विस्तार: हमारा ग्रॉस ब्लॉक वित्त वर्ष 23 में 4,12,318 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 6,09,133 करोड़ रुपए हो गया। यह लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ है। केवल दो वर्षों में 48% की वृद्धि हुई है।

इसके साथ ही हमने बदलाव लाने वाली परियोजनाओं पर काम किया। इनसे भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में नया बदलाव आया। इसकी वैश्विक स्थिति मजबूत हुई। ये हैं...

  • कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल के साथ विझिनजाम में भारत का पहला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह चालू किया गया।
  • 6 गीगावाट रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़ी गई, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल लोकेशन रिन्यूएबल प्रोजेक्ट खावड़ा भी शामिल है।
  • दुनिया के सबसे बड़े तांबा प्रगलन संयंत्र और धातुकर्म परिसर का निर्माण किया गया।
  • भारत और विदेशों में 7000 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों और 4 गीगावाट की नई थर्मल कैपेसिटी के साथ हमारे ऊर्जा नेटवर्क का विस्तार किया।

जिसका उद्देश्य हमें नुकसान पहुंचाना था, वह हमारी नींव को मजबूत करने, हमारी महत्वाकांक्षा को तेज करने तथा भारत के भविष्य के लिए पैमाने, गति और लचीलेपन के साथ निर्माण करने की हमारी जिम्मेदारी की फिर से पुष्टि करने वाला एक निर्णायक मोड़ बन गया है।

हालांकि, जब तूफान जोरों पर था तब भी मुझे हमारे निवेशकों, कर्ज देने वालों, सप्लाई करने वालों और साझेदारों के लिए पैदा हुई चिंता का पूरा एहसास था। यह आपका विश्वास ही था जिसने हमें स्थिर रखा, आपका धैर्य जिसने हमें संभाला और आपका विश्वास जिसने हमें हिम्मत दी। इस असाधारण समर्थन के लिए, मैं आपका तहे दिल से आभारी हूं।

भविष्य को देखते हुए, मेरा आपसे वादा है कि हम

  • शासन मानकों को और मजबूत करेंगे, जिससे बाजारों और नियामकों में विश्वास पैदा हो।
  • न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर मानक स्थापित करते हुए इनोवेशन और स्थिरता में तेजी लाएंगे।
  • राष्ट्र निर्माण पर दोगुना जोर देंगे, बुनियादी ढांचे में निवेश करेंगे जो भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी को शक्ति प्रदान करेंगे।

इस क्षण को केवल आत्मविश्वास बहाल करने वाला न बनने दें। यह इस बात की पुष्टि करे कि आपकी कंपनी किन सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है- विपरीत परिस्थितियों में भी दृढ़ता, कार्यों में ईमानदारी और भारत तथा विश्व के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए अटूट प्रतिबद्धता।

मैं सोहन लाल द्विवेदी के शाश्वत शब्दों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं, जो हमारी यात्रा को परिभाषित करने वाली भावना को अभिव्यक्त करते हैं:

"लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...”

नए आत्मविश्वास और कृतज्ञता के साथ, मैं हमारी ग्रोथ स्टोरी के अगले और सर्वोत्तम अध्यायों को साथ मिलकर लिखने तथा भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप भविष्य का निर्माण करने के लिए तत्पर हूं।

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नोट- हमने गौतम अडानी के पत्र को शब्दश: प्रकाशित किया है।

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