बीते शुक्रवार को शेयर बाजार का सेंसेक्स 502 अंक उछलकर 66060 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 150 अंकों की बढ़त के साथ 19564 के लेवल पर क्लोज हुआ। इस हफ्ते आखिर कौन-से वो फैक्टर होंगे, जो बाजार की दशा और दिशा तय करेंगे?
Share Market Prediction: पिछले हफ्ते शेयर बाजार ने निवेशकों को बल्लियों उछलने का मौका दिया। बीते शुक्रवार को शेयर बाजार का सेंसेक्स 502 अंक उछलकर 66060 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 150 अंकों की बढ़त के साथ 19564 के लेवल पर क्लोज हुआ। बैंक निफ्टी में भी 154 अंकों का उछाल देखा गया और यह 44819 के लेवल पर बंद हुआ। ऐसे में अब हर कोई जानना चाहता है कि इस हफ्ते मार्केट का ऊंट किस करवट बैठेगा? आखिर कौन-से वो फैक्टर होंगे, जो बाजार की दशा और दिशा तय करेंगे?
1- कई बड़ी कंपनियों के क्वार्टर (तिमाही) रिजल्ट
इस हफ्ते कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं। इनमें HDFC बैंक, टाटा एलेक्सी, इंडसइंड बैंक, क्रिसिल, LTI माइंडट्री, ICICI प्रूडेंशियल, टाटा कम्युनिकेशंस, कैनफिन होम्स, हिंदुस्तान यूनिलिवर, इंफोसिस और एम्फैसिस हैं। अगर इनके नतीजे पॉजिटिव रहते हैं तो बाजार पर इसका सकारात्मक असर होगा। वहीं नतीजे मनमाफिक नहीं रहते तो बाजार पर नेगेटिव इम्पैक्ट भी देखने को मिल सकता है।
2- खुदरा महंगाई के आंकड़े
खुदरा महंगाई दर जून में 4.81 प्रतिशत रही। पिछले 5 महीनों में पहली बार महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले मई, 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.25% थी, जो कि पिछले दो साल में सबसे कम थी। ऐसे में महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक जल्द कोई सख्त कदम उठा सकता है, जिसका असर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है।
3- विदेशी संस्थागत निवेशक (FII)
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारतीय बाजारों पर भरोसा बढ़ा है। यही वजह है कि एफआईआई लगातार भारत में निवेश कर रहे हैं। जुलाई के पहले हफ्ते के दौरान ही विदेशी निवेशकों ने 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी की। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों की खरीदारी के चलते ही बाजार आए दिन नया हाई बना रहा है।
4- कच्चे तेल की कीमतें
14 जुलाई को क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमत में 1 डॉलर से ज्यादा की कमी आई थी। लेकिन बाद में क्रूड प्राइस के दाम एक बार फिर उछल गए। इंटरनेशनल मार्केट के जानकारों के मुताबिक, क्रूड ऑयल में जारी तेजी आगे भी बनी रह सकती है। अगर ये तेजी जारी रहती है तो शेयर बाजार पर इसका इम्पैक्ट पड़ना स्वाभाविक है।
5- मॉनसून
मानसून धीरे-धीरे पूरे देश में एक्टिव हो चुका है। कई राज्यों में अब तक सामान्य और उससे ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि, अगर पानी जरूरत से ज्यादा गिरता है तो इससे फसलों के खराब होने की आशंका है। शेयर बाजार में ट्रेडर्स की नजरें लगातार मॉनसून एक्टिविटी पर बनी हुई हैं।
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