11 हजार करोड़ की GST चोरी पकड़ाई, 24 बड़े इम्पोर्टर्स पर जीएसटी इंटेलीजेंस का एक्शन

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 24 बड़े आयातकों पर ₹11,000 करोड़ की कथित इंटीग्रेटेड जीएसटी चोरी का पता लगाया है।

Ganesh Mishra | Published : May 12, 2023 9:52 AM IST / Updated: May 12 2023, 03:47 PM IST

GST Evasion: जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 24 बड़े आयातकों पर ₹11,000 करोड़ की कथित इंटीग्रेटेड जीएसटी चोरी का पता लगाया है। एजेंसी के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, अब तक 24 मामलों में करीब 11,000 करोड़ रुपये की चोरी का पता चला है और हमने इस संबंध में सात इकाइयों को नोटिस भेजा है। इसमें शामिल कुछ कंपनियां स्टील, फार्मास्युटिकल, रत्न और आभूषण के अलावा टेक्सटाइल सेक्टर की हैं। टैक्स चोरी का पता इनडायरेक्ट टैक्स के एडवांस विश्लेषण द्वारा सामने आए आंकड़ों के आधार पर चला।

जीएसटी इंटेलीजेंस के सीनियर अफसर के मुताबिक, पिछले 20 दिनों में मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के आयातकों को ये नोटिस भेजे गए थे। अब ​​दूसरे आयातकों को भी नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। 

GST चोरी का आंकड़ा

फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के दौरान डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलीजेंस (DGGI) ने 21,000 करोड़ रुपए की वसूली की थी। 2021-22 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत जांच एजेंसी ने 54,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की चोरी का पता लगाया था, जिसमें से 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर वसूली की गई थी। वहीं, 2022-23 में करीब 14,000 मामलों का पता चला है, जो 2021-22 के 12,574 मामलों और 2020-21 के 12,596 मामलों से कहीं ज्यादा है।

5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये वसूले गए

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी चोरी को लेकर लोकसभा में जो आकंड़े दिए उसके मुताबिक, जुलाई 2017 से फरवरी 2023 के बीच कुल 3.08 लाख करोड़ रुपये की GST चोरी का पता चला है। इसमें से 1.03 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली कर ली गई है। जीएसटी अफसरों ने फरवरी 2023 तक टैक्स चोरी के आरोप में 1,402 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

क्या है GST?

जब भी हम कोई सामान खरीदते हैं या कोई सर्विस लेते हैं तो उसके बदले टैक्स देना होता है। इसी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी GST कहते हैं। GST के तहत अब हम ‘एक देश, एक टैक्स’ व्यवस्था के ​तहत टैक्स चुकाते हैं। पहले यह टैक्स अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता था। हालांकि, अब देश के किसी भी कोने में एक सामान के लिए उतना ही टैक्स देना होगा, जितना दूसरे राज्यों में देना होता है। जीएसटी को 3 प्रकार में बांटा है। इनमें सेंट्रल जीएसटी (CGST), स्टेट जीएसटी (SGST) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) शामिल हैं।

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