
New Tax Regime: केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किए गए आयकर विधेयक 2025 (Income Tax Bill 2025) को औपचारिक रूप से वापस ले लिया है। अब भाजपा सांसद बैजयंत ‘जय’ पांडा (Baijayant Jay Panda) की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को शामिल करते हुए संशोधित संस्करण सोमवार को संसद में पेश किया जाएगा। सरकार का कहना है कि पुराने संस्करण को वापस लेने का उद्देश्य भ्रम से बचना और सभी बदलावों के साथ स्पष्ट, अपडेटेड बिल पेश करना है।
सेलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बैजयंत पांडा ने बताया कि 1961 का मौजूदा आयकर अधिनियम (Income Tax Act 1961) 4,000 से ज्यादा संशोधनों से गुजर चुका है और इसमें 5 लाख से अधिक शब्द हैं जिससे यह बेहद जटिल हो गया है। नया बिल इसे लगभग 50% तक सरल बनाता है ताकि आम टैक्सपेयर आसानी से समझ सकें। उन्होंने बताया कि इसका सबसे ज्यादा फायदा छोटे व्यवसाय मालिकों और MSMEs को होगा जिनके पास जटिल टैक्स संरचना को समझने के लिए पर्याप्त कानूनी और वित्तीय संसाधन नहीं होते।
सरकार के मुताबिक, नए प्रावधान कामकाजी और मध्यम वर्ग (Middle Class) पर अतिरिक्त कर बोझ डाले बिना एक न्यायसंगत और पारदर्शी प्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम स्थापित करेंगे। टैक्स स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं जिससे मध्यम वर्ग की कर देनदारी घटेगी और उनकी जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जो खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा देगा।
यह भी पढ़ें: शशि थरूर ने चुनाव आयोग के ‘वोट फ्रॉड’ आरोप पर साफ किया अपना स्टैंड, BJP-ECI पर बढ़ा सियासी टकराव
वित्त अधिनियम 2025 (Finance Act 2025) के तहत धारा 87A में टैक्स रिबेट पाने की आय सीमा नए टैक्स रिजीम (Section 115 BAC) में 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। अधिकतम रिबेट राशि भी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है।
इसके अलावा, 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक आय वालों के लिए पहले की तरह मार्जिनल रिलीफ (Marginal Relief) का प्रावधान भी लागू रहेगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार, नया आयकर विधेयक आम नागरिकों और छोटे व्यवसायों के लिए टैक्स फाइलिंग को आसान बनाएगा।