
Income Tax Refund Late Reason: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद हर टैक्सपेयर यही चाहता है कि उसका टैक्स रिफंड जल्दी से जल्दी बैंक अकाउंट में आ जाए। आमतौर पर रिफंड 25-45 दिनों में क्रेडिट हो जाता है। लेकिन इस बार कई लोगों को रिफंड मिलने में देरी हो रही है। अगर आप भी अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और परेशान हैं कि आखिर इसमें देरी क्यों हो रही है तो इस आर्टिकल में जानिे इसके कारण और आप क्या कर सकते हैं...
1. E-Verification न करना
ITR फाइल करने के बाद सिर्फ सबमिट करना काफी नहीं है। आपको इसे ई-वेरिफाई भी करना पड़ता है। जब तक ई-वेरिफिकेशन नहीं होगा, आपकी रिटर्न प्रोसेसिंग शुरू ही नहीं होगी। मतलब साफ है आपने भले ही सही-सही आईटीआर फाइल किया हो, लेकिन अगर ई-वेरिफिकेशन मिस कर दिया तो रिफंड आने का सवाल ही नहीं उठता। ई-वेरिफिकेशन आप आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट या बैंक अकाउंट के जरिए आसानी से कर सकते हैं।
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इस साल रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ी है। ज्यादा फाइलिंग होने से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वर पर लोड बढ़ जाता है, जिससे प्रोसेसिंग स्लो हो जाती और रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। यानी अगर आपका केस बिल्कुल सिंपल भी है तो भी सिस्टम लोड की वजह से आपका पैसा देर से आ सकता है।
ITR रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होता है। ऐसे में अगर आपने गलत अकाउंट नंबर, IFSC कोड डाल दिया या बैंक अकाउंट को PAN से लिंक नहीं किया तो रिफंड अटक सकता है। कई बार नाम मिसमैच की वजह से भी पेमेंट फेल हो जाता है। इसलिए ITR भरने से पहले बैंक डिटेल्स और PAN लिंकिंग को अच्छे से चेक करना बहुत जरूरी है।
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगता है कि आपकी इनकम डिटेल्स और टैक्स कैलकुलेशन में गड़बड़ी है तो वे आपके रिटर्न को स्क्रूटनी मोड में डाल सकते हैं। ऐसे केस में आपके डॉक्यूमेंट्स और क्लेम की दोबारा जांच की जाती है। जब तक ये जांच पूरी नहीं होती, रिफंड अटका रहता है। इसलिए कोशिश करें कि ITR भरते समय सारी डिटेल्स बिल्कुल सही और क्लियर हों।
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