Income Tax Return भरते समय भूलकर भी न करें यह गलतियां, जानें कैसे IT विभाग पकड़ रहा फर्जी क्लेम?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो बोगस डिडक्शन के बारे में सोचना भी बंद कर दें। आयकर विभाग ने तकनीकी तौर पर गलत तरीके से होने वाले डिडक्शन को पकड़ना शुरू कर दिया है।

Manoj Kumar | Published : Jul 22, 2023 9:19 AM IST / Updated: Jul 22 2023, 03:01 PM IST

IT Return Filing 2023. अब से पहले ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दौरान बहुत की कैजुअल एप्रोच लगाते थे और बोगस क्लेम कर देते थे। पहले यह नोटिस भी नहीं हो पाता था और लोग इसका फायदा भी उठाते थे। लेकिन अब ऐसा करने वालों को सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि इनकम टैक्स विभाग ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है, जो फर्जी क्लेम और शंका वाले आयकर रिटर्न को तुरंत पकड़ लेगा।

कैसे लोग फाइल करते थे इनकम टैक्स रिटर्न

पहले यह सामान्य प्रैक्टिस थी कि ज्यादातर लोग गलत तरीके से आयकर रिटर्न भर देते थे। लोग अपने रिश्तेदारों के फर्जी रेंट रिसिप्ट, होम लोन के फेक डाक्यूमेंट, फर्जी डोनेशन की रसीदें लगातार टैक्स का भार कम कर लेते थे और ज्यादा से ज्यादा रिफंड ले लेते थे। पहले, इस तरह की प्रैक्टिस नोटिस भी नहीं की जा पाती थी। टैक्स ऑफिस से भी यह पकड़ में नहीं आता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। इनकम टैक्स विभाग ने अब ऐसा सॉफ्टवेयर यूज करना शुरू कर दिया है जो किसी भी तरह के सस्पिशियस डाक्यूमेंट को पलक झपकते ही पकड़ लेगा।

आयकर विभाग ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया

रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग ने टैक्स पेयर्स को नोटिस भेजना भी शुरू कर दिया है। विभाग अब क्लेम करने वाले टैक्स पेयर्स से सपोर्टिंग डाक्यूमेंट मांग रहा है। यह नोटिस ज्यादातर उन्हें जारी किया जा रहा है सेक्शन 10 (13ए) के छूट के लिए क्लेम करते हैं। सैलरी पाने वाले लोग, होम लोन इंट्रेस्ट पेमेंट्स वालों को भी छूट के बदले सपोर्टिंग डाक्यूमेंट देने होंगे। यह नोटिस 2022-23 के असेसमेंट ईयर के लिए जारी किए जा रहे हैं।

रिटर्न दाखिल करने वालों का डाटा हो रहा तैयार

इंडस्ट्री के सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग अब आईटीआर डाटा के आधार पर टैक्स पेयर्स की बाकी सूचनाएं की इकट्ठा कर रहा है। अलग-अलग सोर्स से यह डाटा कलेक्ट किया जा रहा है और टैक्स पेयर्स का वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। साथ ही क्लेम की प्रमाणिकता को भी परखा जा रहा है। फ्रॉड प्रैक्टिस करने वालों के डाटा को एनालाइज किया जा रहा, उनके द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं को भी परखने का काम हो रहा है। विभाग का कहना है कि गलत क्लेम करने वालों का डाटा तैयार कर बाद में उनसे वसूली भी की जा सकती है।

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