Renewable Energy पर PM मोदी का संकल्प, जानें 10 दिलचस्प फैक्ट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 2030 तक 500 गीगा वॉट रिन्यूबल एनर्जी क्षमता हासिल करने के लक्ष्य की बात कही। यह पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वार्मिंग से निपटने और हरित रोजगार सृजन में सहायक होगा।

Nitesh Uchbagle | Published : Aug 15, 2024 6:18 AM IST / Updated: Aug 15 2024, 03:20 PM IST

बिजनेस डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं सालगिरह पर लाल किले पर झंडा फहराया। उन्होंने लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया। इसमें उन्होंने रिन्यूबल एनर्जी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साल 2030 तक 500 गीगा वॉट तक रिन्यूबल एनर्जी का संकल्प पूरा होने की बात की है। इसका फायदा देश की आम जनता को मिलेगा। इससे न सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा और ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ग्रीन जॉब के रास्ते भी खुल जाएंगे।

 

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जानिए रिन्यूबल एनर्जी के बारे 10 रोचक तथ्य

सौर ऊर्जा प्राचीन है

मानव दो हजार से ज्यादा सालों से सोलर एनर्जी का इस्तेमाल कर रहा है। यूनानी और रोमन जैसी प्राचीन सभ्यताएं इसका इस्तेमाल हीटिंग और लाइट के लिए करते थे।

पवन ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ रहा

विंड एनर्जी यानी पवन ऊर्जा रिन्यूबल एनर्जी का सबसे तेजी से बढ़ने वाला सोर्स है। इसकी वर्ल्ड कैपिसिटी हर साल 10% बढ़ रही है।

वाटर इलेक्ट्रिसिटी एनर्जी

वाटर इलेक्ट्रिसिटी एनर्जी रिन्यूबल एनर्जी का सबसे पुराना स्त्रोत है। पहला जल विद्युत बांध 1886 में बनाया गया था।

भूतापीय ऊर्जा

भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी से निकलने वाली गर्मी है, जिसका इस्तेमाल बिजली बनाने में किया जाता है। इसका सबसे बड़ा उत्पादक अमेरिका है।

जैव ऊर्जा यानी बायो एनर्जी

यह एनर्जी लकड़ी, फसलों और अपशिष्ट जैसे कार्बनिक पदार्थों से होता है। इसका सबसे ज्यादा उत्पादन अमेरिका करता है, जो 50 बिलियन kWh सालाना है।

रिन्यूबल एनर्जी बेहद सस्ती

रिन्यूबल एनर्जी पहली से ही सस्ती है लेकिन यह और भी सस्ती होती जा रही है। इसके उत्पादन में लागत भी कम आती है।

ग्रीन जॉब्स को मिलेगा बढ़ावा

रिन्यूबल एनर्ज से दुनिया भर के लगभग 11 मिलियन से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। इसमें सोलर और विंड टेक्नीशियन सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं।

क्लाइमेट चेंज से बच सकते हैं

रिन्यूबल एनर्जी में कार्बन उत्सर्जन को 80% तक कम किया जा सकता है, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी।

प्रकृति का बचाव

रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस करने से पर्यावरण के नुकसान को बचाया जा सकता है। साथ ही ईंधन के एक्सपोर्ट में कमी लाई जा सकती है।

रिन्यूबल एनर्जी एक आदर्श

साल 2020 में वैश्विक बिजली उत्पादन में रिन्यूबल एनर्जी का हिस्सा 26% था। अब 2050 तक 100% इलेक्ट्रिसिटी करने का लक्ष्य रखा गया है।

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