भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के उद्घाटन पर पीएम मोदी बोले-भारतीयों को भी बांग्लादेश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व

दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण रिश्तों को बिजली के बाद अब डीजल पाइपलाइन सप्लाई मजबूती प्रदान करने जा रहा है। पाइपलाइन से रिफाइंड डीजल भारत से बांग्लादेश पहुंचेगा।

India-Bangladesh friendship pipeline: भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन शनिवार को किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना संयुक्त रूप से दोनों देशों के बीच मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया। दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण रिश्तों को बिजली के बाद अब डीजल पाइपलाइन सप्लाई मजबूती प्रदान करने जा रहा है। पाइपलाइन से रिफाइंड डीजल भारत से बांग्लादेश पहुंचेगा।

भारत को गर्व कि वह बांग्लादेश के विकास यात्रा का हिस्सा बनने जा रहा

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पाइपलाइन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश ने पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में धीरे-धीरे प्रगति की है। भारतीयों को भी बांग्लादेश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि बंगबंधु ने स्वर्णिम बंगाल बनाने का सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने भारत और बांग्लादेश के आपसी संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए परिवहन, ऊर्जा, बिजली ग्रिड सिस्टम लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने याद किया कि रेलवे ने कोविड प्रकोप के दौरान भी ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की थी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंध काफी सफल हैं। भारत पहले से ही बांग्लादेश को 1100 मेगावाट से अधिक बिजली की आपूर्ति कर रहा है।

मोदी ने कहा कि कई विकासशील देश उर्वरक और ईंधन का निर्यात कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच हाइड्रोकार्बन सहयोग संपूर्ण मूल्य श्रृंखला तक फैला हुआ है जिसमें तेल और गैस की खोज से लेकर परिवहन तक शामिल है। उन्होंने कहा कि यह पाइपलाइन इस सहयोग को और मजबूत करेगी।

भारत प्रमुख भागीदार रहा इस परियोजना को पूरा कराने में...

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन, दोनों देशों के बीच पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है। इस परियोजना को 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है। इस परियोजना में अधिकतर लागत भारत सरकार द्वारा वहन किया गया है। भारत सरकार ने 377 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में करीब 285 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस परियोजना में बांग्लादेश पर खर्च का कम भार दिया गया है।

हाईस्पीड डीजल का हो सकेगा ट्रांसपोर्टेशन

इस पाइपलाइन परियोजना से दोनों देशों के बीच हाईस्पीड डीजल ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा। पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल (HSD) के 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) के परिवहन की क्षमता है। इससे शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति की जा सकेगी।

13 साल पहले घोषित हुई थी परियोजना

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन प्रोजेक्ट को 2010 में घोषित किया गया था। 1,680 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन के माध्यम से भारत से बांग्लादेश को डीजल की आपूर्ति की जाएगी। पाइपलाइन को पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी से उत्तरी बांग्लादेश में परबतीपुर तक बिछाया गया है। पाइपलाइन की क्षमता प्रति वर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन है जो बांग्लादेश के बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योगों को ईंधन की आपूर्ति करेगी। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन से दोनों देशों के लिए कई लाभ होने की उम्मीद है। भारत के लिए पाइपलाइन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के लिए अपने बाजार का विस्तार करने का अवसर प्रदान करेगी जबकि बांग्लादेश को इससे एक विश्वनीय और कम लागत वाला ईंधन मिल सकेगा।

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