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भिंडरावाले 2.0 अरेस्ट प्लान: भगवंत मान और अमित शाह की 2 मार्च की मीटिंग में लिखी गई थी अमृतपाल पर शिकंजा कसे जाने की पटकथा
Amritpal Singh arrest inside story: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की नाटकीय गिरफ्तारी की पटकथा करीब एक पखवारे पहले लिखी गई थी जब मुख्यमंत्री भगवंत मान और देश के गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई। आईए जानते हैं अमृतपाल पर शिकंजा कसने की इनसाइड स्टोरी.
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सूत्रों के अनुसार बीते 2 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुलाकात हुई थी। कथित तौर पर दोनों ने इस मीटिंग में अमृतपाल सिंह के मुद्दे पर चर्चा की थी। अमृतपाल सिंह कई महीने से पंजाब के कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनने के साथ ही चर्चा के प्रमुख केंद्र में रहा। 2 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था कि उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात की। कहा कि राज्य और केंद्र दोनों कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
अमृतपाल सिंह पूरे पंजाब में हथियारबंद समर्थकों के साथ खुलेआम घूमता था। बेखौफ घूमने वाले खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को उसके समर्थक खालिस्तानी अलगाववादी और आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले से तुलना करते हुए उसे भिंडरावाले 2.0 कहते हैं।
वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब सरकार ने बड़े चुपके से व्यवस्थित ढंग से तैयारियां की। केंद्र ने सहयोग करते हुए अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले पंजाब में अतिरिक्त बल भेजे। राज्य में जी20 की मीटिंग समाप्त होने के बाद कट्टरपंथी को गिरफ्तार करने की योजना थी। लेकिन पुलिस ने नाटकीय ढंग से अमृतपाल सिंह को पहले ही गिरफ्तार करने का मन बना लिया।
कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी के निधन के बाद जालंधर में भी लोकसभा उपचुनाव होने हैं। शनिवार को अमृतपाल सिंह वहीं जा रहा था। अमृतपाल का शाहकोट में एक कार्यक्रम था, वह सुबह करीब साढ़े नौ बजे वहीं के लिए निकला था। इसी दौरान उसके साथियों की गाड़ी पंजाब पुलिस से टकरा गई। पुलिस ने जब उनको रोका तो वह नहीं रुके और पुलिस को देख अमृतपाल लिंक रोड की तरफ भागने लगा। गाड़ियों की रफ्तार तेज कर दी। इसके बाद पुलिस ने उसके पीछे करीब 100 गाड़ियां लगा दीं। डेढ़ से दो घंटा पीछा करने के बाद उसे नकोदर इलाके से धर दबोचने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से हथियार और 2 गाड़ियां बरामद की हैं। अभी भी वह भाग रहा है।
अमृतपाल सिंह मूल रुप से पंजाब में अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वो वारिस पंजाब दे का प्रमुख है। यह वही संस्था जिसको एक्टर दीप सिंधु ने शुरू किया था। जिसकी पिछले साल सड़क हादसे में मौत हो गई। दीप के जान के बाद अमृतपाल सिंह चीफ बन गया। अमृतपाल करीब एक दशक तक वह विदेश में रहा है। बताया जाता है कि साल 2012 में वह दुबई काम करने गया था। बीते सितंबर 2022 को वह अपने देश भारत लौटा है। अमृतपाल सिंह आतंकवादी भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है और पिछले कुछ महीनों में उसने विवादित भाषण दिए हैं। उन्होंने ब्रिटेन में रहने वाली एक अनिवासी भारतीय किरणदीप कौर से शादी की है।
दरअसल, बीते फरवरी को अजनाला पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को अरेस्ट किया था। 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों समर्थकों के साथ अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। इनके हमले से क्षेत्र की कानून-व्यवस्था तार-तार हो गई थी। बैकफुट पर आई पुलिस को इनके दबाव के आगे लवप्रीत को कोर्ट में अर्जी देकर छुड़ाना पड़ा था। लवप्रीत की रिहाई के बाद ही अमृतपाल अजनाला क्षेत्र से निकला और इस दौरान वह खुलेआम कानून-व्यवस्था को चुनौती देता रहा।
राज्य में हालात न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस बल जालंधर क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। राज्य के फाजिल्का और मुक्तसर जिले में धारा 144 लगा दी गई। पुलिस ने यह गिरफ्तारी अजनाला थाना केस में की है। पढ़िए गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान की पूरी कहानी…