पीडब्ल्यूसी इंडिया और यूएसएआईसी (यूएस-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स) ने संयुक्त रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारत में क्लिनिकल परीक्षण के अवसर पर आधारित है। रिपोर्ट बताती है कि भारत क्लीनिकल ट्रायल का फेवरेट डेस्टीनेशन बनकर उभरा है।
PwC-USAIC Report. यूएसएआईसी बायोफार्मा एंड हेल्थकेयर समिट में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत क्लीनिकल ट्रायल के लिए सबसे पसंदीदा देश बनकर उभरा है। समिट के दौरान ग्लोबल हेल्थ इंडस्ट्रीज लीडर सुजय शेट्टी ने कहा कि 2014 से पहले भारत में क्लीनिकल ट्रायल बहुत कम होते थे। 2014 के बाद से देश में क्लीनिकल ट्रायल की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। देश की बड़ी आबादी और तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रचर ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए बड़े अवसर प्रदान किए हैं। यही वजह है बड़ी फार्मा कंपनियां भारत में अवसर तलाश रही हैं।
बायोफार्मा और प्राइवेट हेल्थ सर्विस सिस्टम
भारत में बायोफार्मा के विकास में प्राइवेट हेल्थ सर्विस सिस्टम का योगदान है। देश में स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है जिसका फायदा बायोफार्मा इंडस्टी को मिल रहा है। इसमें प्राइवेट सेक्टर के रोल पर बात करते हुए यूएसएआईसी प्रेसीडेंट करुण ऋषि ने कहा कि भारत में क्लीनिकल ट्रायल के लिए प्राइवेट बायोफार्मा कंपनियों की रूचि बढ़ी है। साथ तरह-तरह की बीमारियों वाले रोगियों की संख्या, स्किल्ड वर्कफोर्स ने बायोफार्मा कंपनियों को क्लीनिकल ट्रायल के लिए अवसर प्रदान किया है। यह ग्लोबल हेल्थ सर्विस को आगे ले जाने वाला है और जरूरतमंद पेशेंट्स को भी इसका लाभ मिलेगा।
इन प्वाइंट्स पर की गई चर्चा
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