Economy of India: अमेरिकी फर्म मॉर्गन स्टेनली के जोनाथन गार्नर ने कहा- आर्थिक महाशक्ति बनने की तरफ बढ़ रहा भारत

विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में भारत की रैकिंग अपग्रेड की है। एजेंसी ने भारत की रैकिंग को इक्वल वेट से ओवरवेट कर दिया है। हाल ही में मॉर्गन स्टेनली के जोनाथन गार्नर ने भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को लेकर काफी कुछ कहा। आइए जानते हैं।

नई दिल्ली। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने हाल ही में भारत की रैकिंग अपग्रेड की है। एजेंसी ने भारत की रैकिंग को इक्वल वेट से ओवरवेट कर दिया है। इसके साथ ही मार्गन स्टेनली की इमर्जिंग मार्केट की लिस्ट में भारत पहले नंबर पर आ गया है। मॉर्गन स्टेनली का माानना है कि भारत में लंबी तेजी की शुरुआत होने वाली है। साथ ही अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत में बेहतर ईपीएस ग्रोथ की उम्मीद है। एजेंसी का मानना है कि भारत के धर्मनिरपेक्ष नेतृत्व के चलते आने वाले समय में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं। बता दें कि 4 महीने पहले 31 मार्च को ब्रोकरेज फर्म ने भारत की रेटिंग को अंडरवेट से इक्वलवेट में अपग्रेड किया था।

विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार से दोबारा जुड़ने का समय 
मॉर्गन स्टेनली के चीफ एशिया और EM इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट जोनाथन गार्नर ने एक इंटरव्यू में कहा- आमतौर पर, एशिया और उभरते बाजारों में तेजी का बाजार कोरिया और ताइवान से शुरू होता है। सेमीकंडक्टर और टेक्नोलॉजी हार्डवेयर मार्केट के साथ भी यही हुआ है। भारत का प्रदर्शन पिछले 9 महीनों में बाकी एशिया और ईएम की तुलना में कम रहा है। कुल मिलाकर ये परफॉर्मेंस के सापेक्ष एक अस्थिर अवधि रही है। लेकिन जब हमने अपनी प्रक्रिया को फिर से शुरू किया तो पाया कि ये विशेष रूप से ताइवान में लाभ लेने का संकेत दे रहा था। गार्नर के मुताबिक, चीन और ऑस्ट्रेलिया का वजन कम हो रहा है, जबकि भारतीय बाजार के लिए सबकुछ पॉजिटिव नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि अब विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार से दोबारा जुड़ने का समय आ गया है।

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भारत की यूथफुल डेमोग्राफी उसका प्लस प्वाइंट
जोनाथन गार्नर ने कहा- भारत की यूथफुल डेमोग्राफी इक्विटी इनफ्लो के फेवर में है। गार्नर ने रुपये की बढ़ती स्थिरता और वास्तविक प्रभावी विनिमय दर की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये की प्रवृत्ति पहले की तुलना में कहीं ज्यादा स्थिर हुई है। वहीं, इसके विपरीत अब चीन के रॅन्मिन्बी स्ट्रक्चरल में अवमूल्यन (गिरावट) शुरू हो चुका है।

चीन की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा मजबूत 
एक अन्य इंटरव्यू में जोनाथन गार्नर ने चीन के कमजोर आर्थिक सुधार और जनसांख्यिकीय चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने चीन से भारत के जनसांख्यिकीय लाभ और मजबूत अर्थव्यवस्था की तुलना की, जिसमें मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ, रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन, एफडीआई इनफ्लो और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।

भारत की विकास क्षमता चीन की तुलना में कहीं ज्यादा व्यापक
गार्नर ने आगे कहा- भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 2,500 डॉलर है, जबकि चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी करीब 13,000 डॉलर है। चीन के विकास मॉडल को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि भारत की विकास क्षमता व्यापक है। चीन और नॉर्थ एशिया के विपरीत, भारत में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मुकाबले घरेलू ऋण अनुपात (Household debt ratios) काफी कम है। विभिन्न देशों से उत्पादन स्थानांतरित करने वाली कंपनियों के लिए भारत एक आकर्षक बाजार है, जो कि पर्याप्त विकास क्षमता प्रदान करता है।

चीन से फंड्स अब भारत की तरफ हो रहा शिफ्ट

गार्नर ने ऑब्जर्व किया कि चीन से अब ज्यादातर फंड्स भारत की तरफ शिफ्ट हो रहा है और इसी वजह से उन्होंने उस दिशा में आगे बढ़ने की भविष्यवाणी की। उन्होंने उभरते बाजारों में चीन के पूर्व उत्पादों के विकास पर प्रकाश डाला और देखा कि इसमें भारत की पकड़ कहीं ज्यादा मजबूत और महत्वपूर्ण है। यही संरचनात्मक बदलाव पोर्टफोलियो फ्लो को प्रभावित कर रहा है और वैश्विक निवेश के लिहाज से भारत की स्थिति को लाभ पहुंचा रहा है।

एशियाई देशों का लीडर बनेगा भारत

बता दें कि इससे पहले जून, 2023 में मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट आई थी। 'इंडिया इक्विटी स्ट्रैटजी एंड इकोनॉमिक्स: हाउ इंडिया हैज ट्रांसफॉर्म्ड इन लेस देन अ डिकेड', नाम से जारी हुई इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत आने वाले समय में एशियाई देशों का लीडर बनकर सामने आएगा।

भारत की रेटिंग बढ़ाने की कई वजहें

भारत की रेटिंग बढ़ाने के पीछे मॉर्गन स्टेनली ने कई कारण बताए हैं। भारत में आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं, जिसके नतीजे भी आ रहे हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है। भारत की युवा आबादी देश की आर्थिक उन्नति को नई दिशा और गति दे रही है।

भारत की ओवरवेट रेटिंग के क्या हैं मायने?

बता दें कि जब कोई रेटिंग एजेंसी किसी भी बाजार को ‘ओवरवेट’ कहती है, तो इसका सीधा-सा मतलब है कि ये मार्केट दूसरे बाजारों की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छा परफॉर्म करेगा। दूसरी ओर, ‘इक्वलवेट’ रेटिंग का मतलब है कि ये बाजार दूसरे बाजारों की तरह ही परफॉर्म करेगा। अगर रेटिंग ‘अंडरवेट’ है तो इसके मायने हैं कि मार्केट दूसरे बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन करेगा।

क्या है मॉर्गन स्टैनली?

मॉर्गन स्टेनली एक ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म है, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में है। ये फर्म आर्थिक रूप से अलग-अलग देशों का आकलन कर उनकी क्षमता को बताती है। इसमें 80,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और ये 40 से ज्यादा देशों में है।

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