
अगर आप नौकरीपेशा हैं, फ्रीलांसर हैं या किसी अन्य माध्यम से कमाई करते हैं, तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग से जुड़ी यह खबर आपके काम की है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 तय की गई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या आप इसके लिए तैयार हैं? क्योंकि जरा सी लापरवाही आपको IT डिपार्टमेंट से नोटिस दिला सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप ITR फाइल करते वक्त कुछ आम लेकिन खतरनाक गलतियों से बचें।
नई टैक्स रीजीम अब डिफॉल्ट बन चुकी है, लेकिन टैक्सपेयर्स चाहें तो पुराने स्लैब का विकल्प चुन सकते हैं। समस्या तब आती है जब बिना किसी तुलना के टैक्स कैलकुलेशन कर दिया जाता है। नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था में कटौतियां अलग-अलग होती हैं। इससे बचने के लिए पहले दोनों रीजीम की तुलना करें। इनकम टैक्स कैलकुलेटर का यूज करें। अगर पुरानी रीजीम लाभदायक है तो उसे समय रहते चुनें।
बहुत से लोग धारा 80C, 80D, 80G के तहत कटौतियों का दावा करते हैं लेकिन उनके पास वैध दस्तावेज नहीं होते। या फिर वे उन मदों पर कटौती का दावा करते हैं जो उनके लिए मान्य नहीं होती। इनसे बचने के लिए हर कटौती के नियम और उसके लिए पात्रता समझना जरूरी है। इंवेस्टमेंट सर्टिफिकेट, पॉलिसी दस्तावेज, मेडिकल बिल्स तैयार रखें। केवल उन्हीं कटौतियों का दावा करें जिनका सबूत आपके पास है।
नाम में टाइपो एरर, गलत PAN नंबर, पुराना बैंक अकाउंट या पता–ये सब ITR रिजेक्शन या रिफंड में देरी का कारण बन सकते हैं। सबसे बुरा, अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं है, तो रिटर्न प्रोसेस ही नहीं होगा। इससे बचने के लिए सभी जानकारी रिटर्न फॉर्म में दोबारा चेक करें। PAN और Aadhaar की स्थिति ITR भरने से पहले जांचें। तय करें कि बैंक डिटेल्स अपडेट और वैध हों।
आज के डिजिटल दौर में इनकम सोर्स छिपाना लगभग नामुमकिन है। यदि आपकी आमदनी नौकरी के साथ-साथ किराया, निवेश, या फ्रीलांस से भी हो रही है, तो उसे सही-सही बताना जरूरी है। इसके लिए अपनी कमाई के सभी सोर्स का हिसाब रखें।फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, किराये की रसीदें और फ्रीलांस इनकम की डिटेल्स जुटाएं। यह तय करें कि कोई इनकम मिस न हो।
Form 26AS में आपकी सभी TDS एंट्री, टैक्स पेमेंट्स और अन्य डिटेल्स दर्ज होते हैं। यदि इसके डाटा से आपकी जानकारी मिलती नहीं है, तो नोटिस आना तय है। इससे बचने के लिए ITR भरने से पहले Form 26AS डाउनलोड करें। सभी TDS एंट्रीज और टैक्स डिटेल्स की तुलना करें। किसी भी मिसमैच को तुरंत अपने नियोक्ता या टैक्स सलाहकार से सुधारें।
फाइनेंस एक्ट 2024 के तहत अब सेक्शन 115BAC में संशोधन के बाद नई टैक्स स्लैब को डिफॉल्ट बना दिया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि पुरानी रीजीम अब उपलब्ध नहीं है – यदि आप उसे चुनना चाहते हैं तो समय रहते विकल्प चुनें। एक बार ITR फाइल हो जाने के बाद बदलाव संभव नहीं होता।
अगर आप चाहते हैं कि रिटर्न फाइलिंग आसान हो, रिफंड समय पर मिले और IT विभाग से नोटिस न आए – तो ये 5 गलतियों से जरूर बचें। सही दस्तावेज, सही कैलकुलेशन और ईमानदारी ही ITR फाइलिंग की कुंजी है।