NDA vs UPA: ये आंकड़े बता रहे मोदी ही बनाएंगे भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि NDA के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा। इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तंज किया था। ब्लूक्रॉफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के CEO अखिलेश मिश्रा ने अब जयराम रमेश को जवाब दिया है। 

Contributor Asianet | Published : Jul 28, 2023 1:27 PM IST / Updated: Aug 09 2023, 11:14 AM IST

NDA vs UPA: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए कहा था कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा। मोदी के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा था- भारत का दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना तय है और यह सच है, भले ही 2024 के चुनावों के बाद सरकार कोई भी बनाए। जयराम रमेश के इस बयान पर ब्लूक्रॉफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के CEO अखिलेश मिश्रा ने जवाब दिया है। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए यूपीए सरकार के 2004-2014 तक के कार्यकाल का लेखा-जोखा बताया है।

बहुत कुछ कहते हैं UPA सरकार के आंकड़े 
अखिलेश मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा- जयराम रमेश और पी चिदंबरम जी, जरा ये दो ग्राफ देखिए। यूपीए के कार्यकाल में केवल लूट-खसोट ही नहीं थी, बल्कि लापरवाह राजकोषीय प्रबंधन (fiscal management ) के साथ ही टैक्सपेयर्स के पैसों की जमकर फिजूलखर्ची हुई। इतना सब करने के बावजूद रोजगार के अवसर पैदा नहीं किए गए।

 

 

UPA vs NDA: दो अलग-अलग सरकारों में महंगाई-रोजगार की स्थिति

इस ट्वीट के साथ शेयर किए गए ग्राफ में UPA और NDA सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई और रोजगार की स्थित का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। इसमें बताया गया है कि 1998 से 2004 के बीच एवरेज इन्फ्लेशन यानी औसत महंगाई दर 5% थी, जो 2004-2013 के बीच बढ़कर 9% तक पहुंच गई। वहीं, एक्सटर्नल डेब्ट मार्च-2004 में 111.6 बिलियन डॉलर था, जो कि मार्च-2013 में बढ़कर 390 बिलियन डॉलर पहुंच गया। इसी तरह अगर रोजगार की बात करें तो 1999-2004 के बीच 60 मिलियन यानी (6 करोड़) जॉब्स दी गईं, जबकि 2004-11 के बीच सिर्फ 14.6 मिलियन (1.46 करोड़) जॉब्स सृजित की गईं।

 

 

UPA सरकार में GDP, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ के आंकड़े

इसी तरह अखिलेश मिश्रा ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने UPA सरकार के कार्यकाल के दौरान के कुछ और आंकड़े पेश किए। इसमें उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार के दौरान मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 7.4% से गिरकर -0.7% हो गई। इसी तरह, GDP ग्रोथ 7.1% से गिरकर 4.7% रह गई। इसके अलावा चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) जो कि 2004 में 7.36 बिलियन डॉलर सरप्लस में था, वो 2013 में -80 बिलियन डॉलर पहुंच गया। मिश्रा ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में समग्र राजकोषीय घाटे का जिस तरह निराशाजनक प्रबंधन किया गया, वो किसी से छुपा नहीं है। बता दें कि अखिलेश मिश्रा द्वारा शेयर किए गए सभी आंकड़े प्लानिंग कमीशन के हैं।

इसलिए मोदी ही बनाएंगे भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी

अखिलेश मिश्रा ने अपने तीसरे ट्वीट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को जवाब देते हुए कहा- सत्ता में चाहे कोई भी पार्टी हो, आर्थिक विकास में कोई अनिवार्यता नहीं है। सबूत चाहिए? यूपीए 2004-2014 और उसके विनाशकारी रिकॉर्ड के अलावा और देखने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब साफ है कि केवल मोदी गारंटी ही यह सुनिश्चित करेगी कि भारत 2029 (तीसरे कार्यकाल) से पहले तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने।

क्या था पीएम मोदी का बयान?
दिल्ली के प्रगति मैदान में बुधवार को ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा था- 2014 से सत्ता में आने के बाद से पूरा देश उनकी सरकार की ओर से किए गए कामों का रिजल्ट देख रहा है। उन्होंने आगे कहा- हमारे पहले कार्यकाल की शुरुआत में भारत ग्लोबल इकोनॉमिज में 10वें स्थान पर था। दूसरे कार्यकाल में आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मैं देश को ये विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच कर रहेगा और ये मेरी गारंटी है।

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