दुनियाभर की 400 कंपनियों में 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों की छंटनी हुई है, जिसमें गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन से आने वाले दिनों में छंटनी की आशंका बढ़ सकती है।
बिजनेस डेस्क. दुनियाभर की 400 कंपनियों में से 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों की छुट्टी हुई है। इनमें गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज टेक कंपनियां शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में इन आंकड़ों में और भी इजाफा हो सकता है। इसका कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के इंटिग्रेशन हो सकता है।
आगे भी हो सकती है छंटनियां
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन के इंटिग्रेशन की वजह से कंपनियों को अपने वर्कफोर्स स्ट्रक्चर पर कंपनियां फिर से नए प्लान बना रही है। ऐसे में आने वाले समय में लेऑफ की आशंका नजर आ रही है।
2024 के सिर्फ 6 महीने में 1 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी गई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल के शुरुआती 6 महीनों में कई कंपनियों में से 1 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी गई है। कई कंपनियां आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में ये छंटनियां आगे भी रहने वाली है।
भारत में ऐसा हो सकता है
भारत में नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं। इसमें हाइरिंग में 10% की बढ़ोतरी हो सकती है। भारत में लगभग 1600 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर है, जिसमें 16 लाख लोग काम करते हैं। अब ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि साल 2025 तक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की संख्या 2000 तक पहुंच सकती है। इसमें वर्कफोर्स 22 लाख से ज्यादा हो सकता है।
हाल ही में मास्टरकार्ड में छंटनी का ऐलान
मास्टर कार्ड ने कथित रिस्ट्रक्चरिंग की घोषणा करते हुए अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में 3 प्रतिशत की कटौती करने की तैयारी शुरू कर दी है। मास्टरकार्ड के इस फैसले से कम से कम 1000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दो दिन पहले ही सिस्को ने अपने वर्कफोर्स से 7 प्रतिशत छंटनी का ऐलान कर खलबली मचा दी थी।
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