Tips: कार की चाबी खो जाए तो अब नो टेंशन, संभालकर रखें ये काम का नंबर

कार की चाबी खो जाने पर सबसे पहले घबराएं नहीं। आपकी कार का मॉडल, निर्माण वर्ष जैसी आवश्यक जानकारी एकत्रित करें। इसके साथ ही, VIN नंबर भी संभाल कर रखें।

कार की चाबी सुरक्षित रखना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है। अक्सर लोग कार की चाबी रखकर भूल जाते हैं या फिर चाबियाँ इधर-उधर गिरकर खो भी सकती हैं। ऐसे में कार खोलना मुश्किल हो जाता है। कार की चाबी बनाना भी आसान नहीं होता है। लेकिन आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में क्या करें, आइए जानते हैं। कार की चाबी खो जाने पर उसे इस तरह बदलवा सकते हैं।

सबसे पहले, कार की चाबियाँ संभालकर रखना ही उचित है। अगर यह खो जाती है तो अनावश्यक खर्च बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको लगता है कि कार की चाबी खो गई है या जहाँ भी आखिरी बार देखी थी वहाँ नहीं है, तो हर जगह ध्यान से देखें। इसके बाद, नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें।

Latest Videos

दूसरी बात, कार की चाबी बनवाने के लिए आपको काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। इसमें, आपकी रिमोट की (मिड रेंज ब्रांड) बनवाने का खर्च (शुरुआती कीमत) लगभग 8500 रुपये या उससे अधिक हो सकता है।

एक साधारण मैकेनिकल की बनवाने में लगभग 1500 रुपये तक का खर्च आ सकता है। अगर आपके पास कोई प्रीमियम कार है और उसकी दूसरी चाबी बनवानी है, तो उसके लिए लगभग 35,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। यह शुरुआती कीमत है। 

कार डीलर से संपर्क करें
इसके लिए, सबसे पहले अपनी कार का मॉडल, निर्माण वर्ष जैसी आवश्यक जानकारी एकत्रित करें। चाबी बदलवाते समय ये सभी जानकारी आपसे मांगी जाएगी। इसके साथ ही, VIN नंबर भी संभाल कर रखें। इसके बाद, कार डीलर से बात करें।
 
अपनी कार के मालिकाना हक का प्रमाण डीलर को सौंपें। चाबी बदलवाने का विकल्प चुनें और कीमत का अनुमान लगवाएँ। इसके बाद, डीलर द्वारा बताई गई राशि का भुगतान करें। आपकी कार की चाबी डीलरशिप द्वारा आपको पहुँचा दी जाएगी। डीलर को यह यकीन हो जाने पर ही कि यह कार आपकी है, वह चाबी बनवाकर आपको देता है। इसलिए, कार के मालिकाना हक के दस्तावेज ज़रूर दिखाएँ।

Share this article
click me!

Latest Videos

कुवैत में भारतीय कामगारों से मिले पीएम मोदी, साथ किया नाश्ता, देखें Photos । PM Modi Kuwait Visit
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना
तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
कुवैत के लिए रवाना हुए मोदी, 43 साल के बाद पहली बार यहां जा रहे भारतीय PM