फेसबुक यानी मेटा ने एक बार फिर कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। मार्च में 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। हाल ही में जिन कर्मचारियों की नौकरी गई, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना दर्द बयां किया है।
Meta Layoffs: फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप्प (Whatsapp) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) में एक बार फिर छंटनी का दौर शुरू हो गया है। मेटा की इस छंटनी की वजह से भारत में भी कई कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। सीनियर पोस्ट पर काम करने वाले कई लोगों को कंपनी ने बाहर कर दिया है। ऐसे में कई कर्मचारियों ने अपना दर्द बयां किया है।
Meta कर्मचारियों का छलका दर्द
जबसे मेटा में छंटनी का दौर शुरू हुआ है, कर्मचारी अपना दर्द सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। मेटा के एक पूर्व कर्मचारी ने लिंक्डइन पर अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 7 साल से ज्यादा की सर्विस देने के बाद भी उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। उसने लिखा कि वो सुखद यादों के साथ जा रहे हैं और उनके सहयोगियों ने कठिन समय में बखूबी साथ निभाया।
Meta कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर कही ये बात
किसी कंपनी में 7 साल से ज्यादा समय तक काम करना एक लंबा वक्त है। लेकिन जब अपना सब कुछ समर्पित करने के बाद भी आपको पिंक स्लिप सौंपी जाती है, तो ये बेहद निराश करने वाला पल होता है। हालांकि, नौकरी गंवाने वाले मेटा कर्मचारी न केवल सुखद यादों के साथ जा रहे हैं, बल्कि उनका कहना है कि जिस तरह से कठिन वक्त में उनके सहयोगियों ने एक-दूसरे का साथ दिया, वो वाकई प्रेरणादायक है।
2022 में 11 हजार और 2023 में 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी
बता दें कि फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने इस मार्च, 2023 में अपने 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की। हालांकि, तब केवल 4,000 लोगों को ही छंटनी का मेल मिला था, लेकिन बाकी 6,000 लोगों को उनकी किस्मत के बारे में पिछले महीने ही पता चला। इससे पहले कंपनी ने 2022 में 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। मेटा की इस छंटनी की वजह से भारत में सीनियर पदों पर काम करने वाले कई लोगों की नौकरी भी चली गई है।
Meta क्यों कर रहा छंटनी?
मेटा के छंटनी करने के पीछे सबसे बड़ी वजह रेवेन्यू में आई गिरावट है। इसके साथ ही महंगाई ( Inflation) और डिजिटल विज्ञापन (Digital Advertising) में आई कमी के चलते भी कंपनी ने छंटनी करने का फैसला किया। कंपनी अब अपने खर्च में कटौती कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर फोकस करना चाहती है।