
Star Stock of the Day: तीन दिन की लंबी छुट्टी के बाद सोमवार 18 अगस्त को शेयर बाजार ने खुलते ही धूम मचा दी। दोपहर 1 बजे तक बीएसई सेंसेक्स जहां 951 प्वाइंट उछल गया, तो वहीं एनएसई निफ्टी में भी 300 अंकों की तेजी है। इस दौरान देश के सबसे महंगे शेयर यानी MRF के स्टॉक में तूफानी तेजी देखने को मिल रही है। इस टायर कंपनी के स्टॉक में एक ही दिन में इतनी बढ़त है कि इसी सेक्टर की 4 अन्य कंपनियों के शेयर मिलकर भी इसके आधे तक नहीं पहुंच पाए हैं।
टायर कंपनी एमआरएफ का शेयर दोपहर डेढ़ बजे तक 4.60% तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। शेयर में एक ही दिन में 6365 रुपए की बढ़त देखने को मिली और ये फिलहाल 1,44,840 रुपए के लेवल पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, टायर सेक्टर के बाकी 4 इंडियन कॉम्पिटीटर्स यानी सिएट, अपोलो टायर्स, जेके टायर्स और बीकेटी टार्यस (Balkrishna Industries) के शेयर मिलकर भी MRF के आसपास नहीं हैं।
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एक तरफ जहां भारत की 4 बड़ी टायर कंपनियों के शेयर की कीमत देखें और दूसरी तरफ अकेले एमआरएफ को तो ये अकेला ही चार-चार कंपनियों पर भारी है। 18 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे तक CEAT टायर का शेयर 5.12% यानी 155 रुपए की तेजी के साथ 3246 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, Apollo Tyres के शेयर में 6.20% यानी 26.80 रुपए की तेजी है और ये 459 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है। इसके अलावा JK Tyre का शेयर 4.92% यानी 15.40 रुपए की तेजी के साथ 327 रुपए के आसपास ट्रेड कर रहा है। वहीं, BKT टायर्स यानी बालकृष्णा इंडस्ट्रीज के शेयर में 1.68% यानी 40.60 रुपए की तेजी है और ये 2441 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है।
एक कारोबारी सत्र में बढ़त देखें तो चारों कंपनियों में कुल 238 रुपए की बढ़त है। वहीं, अकेले MRF का शेयर 6365 रुपए की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। यानी एमआरएफ के स्टॉक में चारों शेयरों की कुल कीमत से 27 गुना तेजी है। बता दें कि MRF कंपनी का मार्केट कैप फिलहाल 61,411 करोड़ रुपए है। वहीं, इसके हर एक शेयर की फेसवैल्यू 10 रुपए है।
MRF भारत का सबसे महंगा शेयर है। इसका ऑलटाइम हाइएस्ट लेवल 1.53 लाख रुपए है। वहीं, एक साल का निचला स्तर 1.02 लाख रुपए है। इस स्टॉक के सबसे महंगा होने की वजह इसका अब तक एक बार भी स्प्लिट न होना है। जब कोई कंपनी तेजी से आगे बढ़ती है, तो उसके शेयर की कीमत भी उसी अनुपात में बढ़ती है। ऐसे में कई बार शेयर की कीमत इतनी अधिक हो जाती है कि आम निवेशक उसे खरीदने में असमर्थ होता है। इस कंडीशन में कंपनियां अपने शेयरों को स्प्लिट करती हैं, यानी एक शेयर को दो या तीन टुकड़ों में विभाजित कर देती हैं। इससे शेयर की कीमत घट जाती है। लेकिन MRF के मामले में ऐसा एक बार भी नहीं हुआ है, यही वजह है कि इस शेयर की कीमत इतनी ज्यादा है।
1 अप्रैल, 2005 को MRF के शेयर की कीमत 2912 रुपए थी। वहीं, अप्रैल 2007 तक ये 3200 रुपए पहुंच गया। इसके बाद अप्रैल 2010 तक इसकी कीमत 7000 रुपए को पार कर गई। अप्रैल 2013 तक एमआरएफ कंपनी के शेयर की कीमत 12000 रुपए से भी ज्यादा हो गई। इसके बाद तो इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अप्रैल 2015 तक ये 40,000 रुपए को पार कर गया। 2018 के अप्रैल तक इसके स्टॉक की कीमत 77,000 रुपए पहुंच गई। वहीं, अप्रैल 2021 तक ये 81,000 रुपए के पार पहुंच गया। इसके बाद फरवरी, 2024 में शेयर 1,50,000 रुपए के भी पार पहुंच गया।
MRF यानी मद्रास रबर फैक्टरी की शुरुआत आजादी से एक साल पहले यानी 1946 में हुई। शुरुआत में कंपनी गुब्बारे और खिलौने बनाती थी। लेकिन 14 साल बाद यानी 1960 से कंपनी ने रबर के टायर बनाने की तरफ फोकस किया। टायर की बढ़ती डिमांड के चलते कंपनी का बिजनेस दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगा। आज के समय में MRF देश की सबसे बड़ी और दुनिया की 14वीं बड़ी टायर कंपनी है। इसके टायर दुनियाभर के 75 से ज्यादा देशों में निर्यात किए जाते हैं।
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