नई दिल्ली। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने मंगलवार को कहा कि टाटा समूह अगले 5-6 साल में 5 लाख नौकरियां पैदा करेगा। सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और इनसे जुड़े उद्योगों में कंपनी ने निवेश किया है। इसके चलते इतने अधिक कर्मचारियों की जरूरत होगी।
IFQM (Indian Foundation of Quality Management) के कार्यक्रम में चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत को उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग, लोगों की गुणवत्ता, इकोसिस्टम और प्रक्रियाओं में गुणवत्ता के लिए एक प्रक्रिया बनाने की जरूरत है।
10 करोड़ नौकरियां पैदा करने की जरूरत
चंद्रशेखरन ने कहा, "हर महीने दस लाख लोग वर्कफोर्स में शामिल हो रहे हैं। हमें 10 करोड़ नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। यहां युवाओं की संख्या बहुत है। भारत दुनिया की मानव संसाधन राजधानी बनेगा।"
उन्होंने कहा कि भारत के सामने अवसर बहुत बड़े हैं। ‘विकसित भारत’ का मतलब केवल अच्छी आर्थिक तरक्की नहीं है। सामाजिक समानता, नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा और सभी नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता भी हासिल करनी होगी।
टाटा संस के चेयरमैन ने कहा, "हमें खुद को क्वालिटी और सेवाओं के ऐसे देश के रूप में तैयार करना होगा जो विश्व स्तर पर मानक बन सके।" उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए अर्थव्यवस्था में रोजगार वृद्धि भी जरूरी है। IFQM बॉडी की स्थापना मैन्युफैक्चरिंग और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है यह समय
कई वजहों से यह भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षण है। भारत के पास मोमेंटम है। प्रति व्यक्ति स्तर पर उत्पादों और सेवाओं का उपभोग बढ़ रहा है। आगे भी यह जारी रहेगा। भारत दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग जरूरत में महत्वपूर्ण खिलाड़ी होगा।
बता दें कि IFQM के इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समावेशी विकास एक बड़ा स्तंभ है। पिछले 10 साल में आईआईटी, एम्स और अन्य विश्वविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है।
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