आधुनिक भारतीय बैंकिंग के जनक कहे जाने वाले नारायण वाघुल का निधन हो गया हैं। उन्हें साल 1985 में इस ICICI में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर की कमान सौंपी गई थी। महज 39 साल की उम्र में उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बने थे।
बिजनेस डेस्क. आधुनिक भारतीय बैंकिंग के जनक कहे जाने वाले नारायणन वाघुल का निधन चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हुआ। उनकी उम्र 88 साल थी। वह ICICI बैंक के पूर्व चेयरमैन थे। उनके निधन की जानकारी उनके परिवार ने दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और बेटा हैं। आपको बता दें कि साल 2010 में केंद्र सरकार ने ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में उन्हें देश की तीसरे बड़े सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था।
दो दिन से थे वेंटिलेटर पर थे
उनके परिजनों ने उनकी मौत जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले वह गिरकर बेहोश हो गए थे। फिर उन्हें चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीते दो दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे। आज यानी 18 मई की दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर उनका निधन हो गया।
सबसे कम उम्र के चेयरमैन बने नारायणन
नारायणन वाघुल ने अपना करियर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से शुरू किया। इसके बाद उनकी काबिलियत से उन्हें चेन्नई की ब्रांच से मुंबई के केंद्रीय कार्यालय में उनका ट्रांसफर हुआ। महज 39 साल की उम्र में उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया। फिर साल 1981 में बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। तब उनकी उम्र महज 44 साल थी। वह किसी सरकारी बैंक के चेयरमैन बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बनें।
ICICI बैंक की ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान
नारायणन वाघुल को ICICI बैंक में बड़े बदलावों का श्रेय दिया जाता है। उन्हें साल 1985 में इस ICICI में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर की कमान सौंपी गई। उन्होंने अपने प्रयासों से सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों की लिस्ट में शुमार करवाया। फिर साल 1994 में ICICI को बैंक का दर्जा मिला। इसके बाद उन्होंने साल 1996 में एग्जीक्यूटिव पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने साल 2009 तक नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर सेवाएं दी।
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