
Nitin Gadkari on Automobile Industry: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि आने वाले 5 साल में भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री दुनिया में नंबर वन (World No.1) होगी। उन्होंने कहा कि इस समय भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार 22 लाख करोड़ रुपये है जिसे तेजी से बढ़ाकर अमेरिका और चीन से भी आगे ले जाना है।
गडकरी ने 'दी एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया (EICI)' और KPMG की रिपोर्ट लॉन्च करते हुए कहा कि 2014 में जब मैंने मंत्रालय संभाला था, तब इस इंडस्ट्री का आकार 7.5 लाख करोड़ रुपये था। आज यह 22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। आने वाले 5 साल में इसे विश्व की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बनाना मेरा लक्ष्य है।
वर्तमान में अमेरिका की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 78 लाख करोड़ रुपये की है, चीन की 47 लाख करोड़ रुपये और भारत तीसरे नंबर पर 22 लाख करोड़ रुपये के साथ खड़ा है। गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का सपना भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (3rd Largest Economy) बनाना है और इसमें लॉजिस्टिक्स (Logistics Sector) अहम भूमिका निभाएगा।
गडकरी ने बताया कि कुछ साल पहले तक भारत का लॉजिस्टिक कॉस्ट जीडीपी (GDP) का लगभग 16% था जिसे अब घटाकर 10% कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आईआईएम-आईआईटी की संयुक्त रिपोर्ट बताती है कि हमने लॉजिस्टिक कॉस्ट को 10% तक ला दिया है। अब हमारा लक्ष्य इसे सिंगल डिजिट तक लाना है।
KPMG रिपोर्ट 'Powering India’s Economy, Connecting Business and Markets' के मुताबिक, एक्सप्रेस इंडस्ट्री हर साल 1-1.5 बिलियन डॉलर GST और 650 मिलियन डॉलर Customs Revenue देती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि FY25 में 9 बिलियन डॉलर की यह इंडस्ट्री 2030 तक दोगुनी होकर 18-22 बिलियन डॉलर की हो जाएगी और 6.5-7.5 मिलियन नई नौकरियां पैदा करेगी। डोमेस्टिक एक्सप्रेस का 70% हिस्सा है जिसकी वैल्यू 6.3-6.5 बिलियन डॉलर है जबकि International Express Segment का हिस्सा करीब 30% है। FY24 में इस सेक्टर ने 19.5 मिलियन Shipments और 1,52,300 टन माल संभाला। गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेसवे (Expressways) और आर्थिक गलियारों (Economic Corridors) में भारी निवेश ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बदल दिया है और यह भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा।