4-5 रुपए सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल, चुनाव से पहले ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कर सकती हैं कीमतों में कटौती

नवंबर-दिसंबर में कई राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) अगस्त, 2023 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4-5 रुपए प्रति लीटर की कटौती कर सकती हैं। तेल कंपनियों को उम्मीद है कि क्रूड के दाम 80 डॉलर से नीचे बने रहेंगे।

Ganesh Mishra | Published : Jun 23, 2023 12:24 PM IST / Updated: Jun 23 2023, 05:57 PM IST

Petrol-Diesel Price Update: नवंबर-दिसंबर में कई राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) अगस्त, 2023 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4-5 रुपए प्रति लीटर की कटौती कर सकती हैं। जेएम फाइनेंशियल सिक्योरिटीज ने एक रिसर्च में कहा- ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का वैल्यूएशन रीजनेबल लग रहा है। लेकिन फ्यूल मार्केटिंग बिजनेस की कमाई पर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है। तेल कंपनियों को उम्मीद है कि क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बने रहेंगे।

इस वजह से कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

नवंबर-दिसंबर में प्रमुख राज्यों में चुनावों के मद्देनजर ऑयल कंपनियों को अगस्त से पेट्रोल-डीजल की कीमत में 4-5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने के लिए कहा जा सकता है। दरअसल, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की बैलेंस शीट काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। साथ तेल कंपनियां वित्त वर्ष 2023-24 में अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकती हैं। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है पेट्रोल-डीजल में कटौती इस बात पर निर्भर करेगी कि कच्चे तेल की कीमत क्या है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति का भी इस पर सीधा असर पड़ेगा।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का जोखिम

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रूड के दाम में बढ़ोतरी का रिस्क बना हुआ है। ओपेक प्लस देश अपनी मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति को देखते हुए ब्रेंट क्रूड की कीमत को 75-80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर समर्थन देना जारी रखेंगे। ये सऊदी अरब के लिए फिस्कल ब्रेक-ईवन क्रूड प्राइस है।

अपनी जरूरत का 85% तेल आयात करता है भारत

बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85% तेल आयात करता है। ये तेल खरीदने के लिए हमें डॉलर में पैसा चुकाना पड़ता है। ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं और डॉलर मजबूत होता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।

भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां तय करती हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

- जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत तय करती थी और हर 15 दिन में इसके रेट बदले जाते थे।

- लेकिन 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर छोड़ दिया।

- अब ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन के खर्च और बाकी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करती हैं।

इन 4 चीजों से प्रभावित होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

1- कच्चे तेल की कीमत

2- रुपए के मुकाबले डॉलर की स्थिति

3- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वसूल किया जाने वाला टैक्स

4- देश में पेट्रोल-डीजल की डिमांड

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Pakistan Petrol Crisis : खाने के बाद अब पेट्रोल का सूखा, पाकिस्तान में पेट्रोल खत्म होने की कगार पर, इतना है एक लीटर पेट्रोल का दाम

 

 

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