नईदिल्ली में आयोजित ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2023 में बायोकॉन की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजुमदार शॉ ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी मेकर्स को रिफॉर्म्स में टेक्नोलॉजी को शामिल करने की जरूरत है और भारत फिलहाल ऐसा कर रहा है।
Global Technology Summit 2023: बायोकॉन की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजुमदार शॉ ने कहा है कि पॉलिसी मेकर्स को रिफॉर्म्स में टेक्नोलॉजी को शामिल करने की जरूरत है और भारत फिलहाल ऐसा कर रहा है। किरण मजुमदार शॉ ने ये बात मंगलवार को दिल्ली में आयोजित ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2023 में कही। उन्होंने कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वाइस प्रेसिडेंट जॉर्ज पर्कोविच के साथ बातचीत के दौरान अपनी बात रखी।
टेक्नोलॉजी को एकजुट करने का युग
किरण मजूमदार ने जॉर्ज पर्कोविच के साथ बातचीत में कहा- फिलहाल हम बायोटेक में उभर रही कुछ बेहद रोमांचक नई तकनीकों के शिखर पर हैं। बायोटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आपसी संबंधों पर उन्होंने कहा- कैसे एक पर्सनलाइज्ड और सटीक दवा टेक्नोलॉजी पर ज्यादा डिपेंड होने वाली है। उन्होंने पॉलिसीमेकर्स और रेगुलेटर्स (नियामकों) को टेक्नोलॉजी की ताकत के बारे में सोचने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा- ये टेक्नोलॉजी को एकजुट करने का युग है।
रेगुलेटर्स टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने में काफी धीमे रहे
शॉ ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) के लिए ये बहुत ही अच्छा समय है। सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस दिशा में बहुत कुछ किया जा सकता है। शॉ ने इस बात पर अफसोस भी जताया कि रेगुलेटर्स (नियामक) टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने में काफी धीमे रहे हैं। उन्होंने टेक-सेवी नियामकों को बोर्ड में शामिल करने की बात भी कही।
ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में 40 से ज्यादा सेशन होंगे
बता दें कि 8वीं ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 4-6 दिसंबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित की जा रही है। इस सम्मेलन की थीम Geopolitics of Technology पर केंद्रित है। इस सम्मेलन के दौरान 40 से अधिक सेशन होंगे, जिनमें मुख्य भाषण, मंत्रिस्तरीय भाषण, पैनल डिस्कशन, बुक लॉन्च और टेक्नोलॉजी व जियोपॉलिटिक्स के अंतर्संबंध की खोज करने वाली कई एक्टिविटीज शामिल हैं।
ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में इन मुद्दों पर चर्चा
ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में टेक्नोलॉजी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा, जियोपॉलिटिक्स पर इसके प्रभाव और उभरती टेक्नोलॉजी से संबंधित नीतिगत विचारों पर केंद्रित है। मुख्य एजेंडा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, एक्सपोर्ट कंट्रोल, डेटा प्रोटेक्शन और नवाचार के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित व्यापक नीतिगत विचार शामिल हैं। इस सम्मेलन में पॉलिसीमेकर्स, उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद, टेक्नोक्रेट और इनोवेटर्स शामिल हैं। सम्मेलन में भारत, अमेरिका, सिंगापुर, श्रीलंका, केन्या, जर्मनी, सिएरा लियोन, ब्राजील और लिथुआनिया जैसे देशों के मंत्री और अधिकारी शामिल हैं।
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