
Property Buying with Siblings Good or Bad : क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भाई-बहन मिलकर कोई घर या प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो क्या होगा? क्या यह आपके लिए सही फैसला है? ऐसा होने पर प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कैसे होगा, खर्च कैसे बांटे जाएंगे और फ्यूचर में अगर किसी को प्रॉपर्टी बेचनी हो तो क्या होगा? इस आर्टिकल में आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब और भाई-बहनों के साथ जॉइंट प्रॉपर्टी खरीदने के क्या-क्या फायदे, रिस्क और टैक्स से जुड़े नियम हैं।
अक्सर जब हम किसी अच्छे इलाके में घर या प्रॉपर्टी खरीदने की सोचते हैं, तो अकेले इतने पैसे जुटाना मुश्किल होता है। ऐसे में भाई-बहन अपने पैसे जोड़कर मिलकर प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं। इससे उन्हें बड़ा और बेहतर घर लेने का मौका मिलता है। साथ ही, अगर सभी समझदारी से काम करें तो फैमिली बॉन्ड भी स्ट्रॉन्ग होते हैं। क्योंकि प्रॉपर्टी खरीदना सिर्फ पैसे का मामला नहीं होता, इसमें परिवार के बीच भरोसा और साथ भी जुड़ा होता है।
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1. बड़ी और बेहतर प्रॉपर्टी खरीदने का मौका
अकेले जो प्रॉपर्टी आप खरीद सकते हैं, उससे पैसे मिलाकर आप बड़ा और अच्छी लोकेशन वाली प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। खासकर ऐसे इलाके जहां प्रॉपर्टी की कीमत ज्यादा है, वहां मिलकर खरीदना बेहतर ऑप्शन हो सकता है। इसके अलावा, ऐसी प्रॉपर्टी का भविष्य में दाम बढ़ने की संभावना भी ज्यादा होती है, जिससे निवेश से अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
2. खर्च बांटना आसान हो जाता है
जब आप भाई-बहन मिलकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो घर की कीमत, होम लोन की किश्तें और मेंटेनेंस के खर्च सभी आपस में बांट सकते हैं। इससे हर एक पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है। मान लीजिए किसी प्रॉपर्टी की कीमत काफी ज्यादा है, जिसे आप अकेले नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों के साथ पैसे मिलाकर खरीदना आसान हो जाता है। इसके साथ ही मेंटेनेंस जैसे बिजली, पानी, सफाई जैसे खर्च भी बराबर हिस्सों में बांटने से सभी पर भार कम हो जाता है।
3. लोन आसानी से मिल जाता है
जब आप बैंक से होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपकी इनकम के साथ-साथ आपके भाई-बहनों की इनकम भी देखता है, अगर वे को-बॉरोअर हैं। इससे बैंक को भरोसा होता है कि लोन चुकाने की क्षमता ज्यादा है, इसलिए बड़ी रकम का लोन मिलना आसान हो जाता है। इसका मतलब यह कि मिलकर खरीदने से आपको अकेले से बेहतर फाइनेंसिंग मिलेगी।
4. एक-दूसरे की मदद मिलती है
अगर किसी भाई-बहन को कभी पैसों की तंगी हो जाती है, जैसे नौकरी छूटना या किसी बीमारी के कारण खर्च बढ़ जाना तो दूसरे मेंबर मदद कर सकते हैं। इससे परिवार के अंदर फाइनेंशियल सपोर्ट भी मिलता है और प्रॉपर्टी से जुड़ी जिम्मेदारी पर भी असर नहीं पड़ता।
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1. प्रॉपर्टी के इस्तेमाल को लेकर विवाद
जब कई लोग एक साथ प्रॉपर्टी के मालिक होते हैं, तो कब कौन उस प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करेगा, यह लेकर विवाद हो सकते हैं। जैसे- अगर प्रॉपर्टी में से किसी को ज्यादा समय रहना है और किसी को कम तो यह बात झगड़ों का कारण बन सकती है। इसके अलावा, प्रॉपर्टी में रेनोवेशन या मेंटेनेंस को लेकर भी मतभेद हो सकते हैं।
2. प्रॉपर्टी बेचने में दिक्कतें
अगर किसी एक भाई-बहन को अपनी हिस्सेदारी बेचनी हो और दूसरा न चाहे, तो यह समस्या बन जाती है। ऐसी सिचुएशन में बिना सहमति के कोई भी प्रॉपर्टी बेच नहीं सकता। ऐसे विवाद अक्सर लंबी कानूनी लड़ाइयों में बदल जाते हैं, जो परिवार के रिश्तों को भी खराब कर सकते हैं।
3. लोन की EMI न दे पाना
अगर लोन पर खरीदी गई प्रॉपर्टी है, तो लोन की किश्तें सभी को-ओनर की जिम्मेदारी होती हैं। अगर कोई सदस्य अपनी किश्त नहीं भर पाता, तो बाकी को उसकी जगह भरनी पड़ सकती है। इससे आर्थिक दबाव बढ़ जाता है और रिश्तों में तनाव आ सकता है।
4. लाइफ बदलने से समस्याएं हो सकती हैं
लाइफ में बड़े बदलाव जैसे शादी, जॉब बदलना, किसी दूसरे शहर या देश में जाना भी जॉइंट प्रॉपर्टी के मामले को उलझा सकते हैं। अगर एक भाई-बहन दूर चला जाए या अलग लाइफस्टाइल अपनाए, तो प्रॉपर्टी के फैसले और देखभाल में समस्या आ सकती है।
अगर आप सभी भाई-बहन मिलकर होम लोन लिए हैं और लोन पर को-बॉरोअर्स हैं, तो आप सभी होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट (सेक्शन 24) और जो पैसा आपने लोन की EMI में वापस किया है, उस पर भी छूट (सेक्शन 80C) मिलती है। अगर आप ने वह प्रॉपर्टी किराए पर दिया है, तो जो किराया आता है, उसे सभी भाई-बहनों में उनके हिस्से के अनुसार बांटना होता है। हर कोई अपने हिस्से का टैक्स देता है। जब प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो जो फायदा (Capital Gain) होता है, उस पर हर मालिक को अपने हिस्से के अनुसार टैक्स देना पड़ता है।