एक युग का अंत...पंचतत्व में विलीन हुए दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा

Published : Oct 10, 2024, 07:28 PM ISTUpdated : Oct 10, 2024, 07:32 PM IST
ratan tata last rites

सार

देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन, हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई। राजकीय सम्मान के साथ मुंबई में हुआ अंतिम संस्कार।

Ratan Tata last rites: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन नवल टाटा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। हजारों नम आंखों ने अपने लेजेंड को विदायी दी। रतन टाटा का निधन 86 साल की उम्र में बुधवार की देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी हास्पिटल में हुआ। राजकीय सम्मान के साथ पद्मविभूषण रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया। बिजनेस, राजनीति, बॉलीवुड से लगायत हर क्षेत्र की दिग्गज हस्तियां उनको श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं। महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के निधन पर एक दिन के शोक का ऐलान किया था।

मुंबई श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी

मुंबई में उनके निधन की सूचना के बाद हजारों लोग उनको अंतिम विदाई के लिए सड़कों पर खड़े रहे। आम से खास लोग उनको अंतिम विदाई देने के लिए नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स पहुंचे थे। यहां रतन टाटा के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ रखा गया था।

देर शाम को राष्ट्रीय ध्वज में लिपटाकर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए वर्ली स्थित श्मशान घाट लाया गया। यहां उनको नम आंखों से हजारों की मौजूदगी में वह पंचतत्व में विलीन हो गए।

हालत बिगड़ने के बाद भी मजाक कर चिंतित होने नहीं दिया

रतन टाटा का बुधवार देर रात ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 86 साल के थे। सोमवार को टाटा संस के कर्ताधर्ता को अस्पताल में भर्ती गया था। हालांकि, अपने मजाकिया स्वभाव के लिए विख्यात रतन टाटा ने अपनी गंभीर स्थिति को भी सामान्य रूटीन चेकअप करार देते हुए सबको चिंता किए जाने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने ट्वीट किया कि वे नियमित आयु-संबंधी चिकित्सा जांच करवा रहे। चिंता का कोई कारण नहीं है। मेरे बारे में सोचने के लिए धन्यवाद।

परिवार ने साझा की दु:खद सूचना तो दौड़ उठी शोक की लहर

हालांकि, उनके ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद उनके जाने की दु:खद सूचना परिवार ने साझा की। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन.चंद्रशेखर ने कहा कि हम रतन नवल टाटा को बहुत ही भारी क्षति के साथ विदाई दे रहे हैं, जो वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है।

टाटा ग्रुप की ओर से जारी उनके निधन की सूचना के बाद देश-दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई। आम से खास तक उनको याद कर श्रद्धांजलि देने लगा।

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