भारतीय उद्योग जगत में एक अप्रतिम व्यक्तित्व और दूरदृष्टि वाले नेता, भारत के सबसे सम्मानित औद्योगिक घराने, टाटा संसथान में जन्मे रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे. 9 अक्टूबर की रात को अस्वस्थता के चलते 86 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली. रतन टाटा के निधन पर भारतीय उद्यमियों ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किए हैं.
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर लिखा, रतन टाटा के न रहने की बात स्वीकार नहीं कर पा रहा हूँ. भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक प्रगति के शिखर पर है. और रतन के जीवन और काम का हमारे इस मुकाम पर पहुँचने से गहरा नाता है. ऐसे में, इस समय उनका मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश अमूल्य होता. उनके जाने के बाद, हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वह है उनके आदर्शों का अनुकरण करने का संकल्प लेना. क्योंकि वे एक ऐसे उद्यमी थे, जिनके लिए आर्थिक संपत्ति और सफलता तब और भी सार्थक हो जाती थी जब उसका उपयोग वैश्विक समुदाय की सेवा के लिए किया जाता था. अलविदा और गॉडब्लेस यू, मिस्टर टी आपको भुलाया नहीं जा सकेगा. क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते. ओम शांति.
वहीं भारत के एक और उद्योगपति गौतम अडानी ने ट्वीट कर लिखा, भारत ने एक महान हस्ती को खो दिया है, एक ऐसे दूरदर्शी को जिसने आधुनिक भारत की राह को नए सिरे से परिभाषित किया. रतन टाटा केवल एक बिजनेस लीडर नहीं थे - उन्होंने सत्यनिष्ठा, करुणा और व्यापक हित के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की आत्मा को मूर्त रूप दिया. उनके जैसे दिग्गज कभी नहीं भुलाए जाते. ओम शांति.
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने भी बयान जारी कर कहा, भारत और इंडिया इंक के लिए यह बेहद दुखद दिन है. रतन टाटा का निधन केवल टाटा समूह के लिए ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक बड़ी क्षति है. व्यक्तिगत स्तर पर, रतन टाटा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है क्योंकि मैंने अपना एक प्रिय मित्र खो दिया है. उनके साथ मेरी अनगिनत बातचीत ने मुझे प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान की और उनके व्यक्तित्व की महानता और उनके द्वारा साकार किए गए बेहतरीन मानवीय मूल्यों के प्रति मेरे सम्मान को और बढ़ाया.
रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति और समाजसेवी थे, जिन्होंने हमेशा समाज के व्यापक हित के लिए काम किया. श्री रतन टाटा के निधन से, भारत ने अपने सबसे महान और करुणामय पुत्रों में से एक को खो दिया है. श्री टाटा भारत को दुनिया के सामने लेकर गए और दुनिया की बेहतरीन चीजें भारत लाए. उन्होंने हाउस ऑफ टाटा को संस्थागत रूप दिया और 1991 में अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद से टाटा समूह को 70 गुना बढ़ाकर एक अंतरराष्ट्रीय उद्यम बनाया.
रिलायंस, नीता और अंबानी परिवार की ओर से, टाटा परिवार और पूरे टाटा समूह के शोक संतप्त सदस्यों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. रतन, आप हमेशा मेरे दिल में रहेंगे.
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने लिखा, गूगल में रतन टाटा के साथ अपनी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की थी और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था. उन्होंने एक असाधारण व्यावसायिक और परोपकारी विरासत छोड़ी है और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को दिशा देने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें भारत को बेहतर बनाने की बहुत चिंता थी. उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और श्री रतन टाटा जी को शांति मिले.