भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेमेंट सिस्टम को मजबूती देने के लिए 30 जुलाई को नई गाइडलाइन जारी की है। अब गैर-बैंक PSO के लिए साइबर मजबूती और डिजिटल पेमेंट सिक्योरिटी के लिए मास्टर गाइडलाइन को फॉलो करना होगा।
बिजनेस डेस्क. भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने 30 जुलाई को नई गाइडलाइन जारी की है। इसका मकसद पेमेंट सिस्टम को मजबूती देना है। RBI का कहना है कि गैर-बैंकिंग पेमेंट सिस्टम से जुड़े ऑपरेटरों को संदिग्ध लेनदेन एक्टिविटिस की पहचान और इसकी चेतावनी के लिए समय पर निगरानी रखनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैर-बैंक PSO के लिए साइबर मजबूती और डिजिटल पेमेंट सिक्योरिटी के लिए मास्टर गाइडलाइन को फॉलो करना होगा।
ऐप्स के लिए आया ये नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैर-बैंकिंग पेमेंट सिस्टम चलाने वाले ऑपरेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल एप्लिकेशन का अगर इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तो एक समय के बाद ऑटो लॉगआउट हो जाए। इसके बाद जरूरत पड़ने पर ग्राहक फिर से लॉगिन कर सके।
फेल ट्रांजैक्शन का रिफंड दिया जाए
RBI ने कहा कि इन गाइडलाइन्स का मकसद साइबर मजबूती पर जोर के साथ पूरी सूचना और सिक्योरिटी के लिए फ्रेमवर्क तैयार हो सके, जिससे पेमेंट सिस्टम सिक्योरिटी में सुधार हो सके। RBI ने मोबाइल पेमेंट के मामले में कहा कि PSO को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कस्टमर के साथ बातचीत के दौरान एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल के साथ सर्टिफाइड सेशन बरकरार रखे। अगर पेमेंट के दौरान पेमेंट फंस जाए और कस्टमर एप्लिकेशन बंद कर देता है, तो सेशन खत्म कर दिया जाए और फंसा हुआ पेमेंट का रिफंड दिया जाएगा।
यूजर को फिर से लॉगिन करना होगा
RBI ने कहा कि अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाए तब मोबाइल एप्लिकेशन पर ऑनलाइन सेशन को अपने आप बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगिन करने की जरूरत पड़े। RBI ने कहा कि कार्ड नेटवर्क, बैंक पहचान संख्या के साथ-साथ कार्ड जारी कर्ता स्तर पर ट्रांजैक्शन सीमा को क्रियान्वित करने की सर्विस करनी चाहिए।
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