Good News: नहीं बढ़ेगी लोन की EMI, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट यथावत रखते हुए आम आदमी को दी बड़ी राहत

RBI ने रेपो रेट को यथावत रखते हुए आम आदमी को बढ़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में कहा कि रेपो रेट को 6.50% ही रखा गया है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा रहा। इससे लोन EMI नहीं बढ़ेगी। 

Ganesh Mishra | Published : Apr 6, 2023 5:24 AM IST / Updated: Apr 06 2023, 11:13 AM IST

Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट को जस का तस रखते हुए आम आदमी को फिलहाल बढ़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में कहा कि रेपो रेट को 6.50% ही रखा गया है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा रहा। माना जा रहा था कि इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो सकती है।

मई, 2022 से 6 बार बढ़ चुकी है रेपो रेट :

- मई 2022 से अब तक पिछले 11 महीनों में रेपो रेट में 6 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। इससे रेपो रेट में 2.50% का इजाफा हुआ। अप्रैल, 2022 में रेपो रेट 4% थी। रिजर्व बैंक ने मई की शुरुआत में इसे 0.40% बढ़ाते हुए 4.40% कर दिया था।

- इसके बाद इसके जून में हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की गई और यह बढ़कर 4.90% हो गई।

- बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए तीसरी बार अगस्त में इसे फिर 0.50% बढ़ाकर 5.40% कर दिया गया।

- चौथी बार इसे अक्टूबर, 2022 में फिर 0.50% बढ़ाकर 5.90% कर दिया गया।

- पांचवी बार दिसंबर, 2022 में रेपो रेट बढ़ाई गईं और ये 6.25% हो गई।

- छठी बार इसमें फरवरी, 2023 में इजाफा किया गया। इस बैठक में रेपो रेट 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दी गई।

क्या है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर है, जिस पर केंद्रीय बैंक यानी RBI बैंकों को लोन देता है। जब रेपो रेट बढ़ाई जाती है तो रिजर्व बैंक से बैंको को मिलने वाला कर्ज महंगा हो जाता है। महंगा कर्ज मिलने की वजह से बैंक भी अपनी ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। वहीं इसके उलट जब रेपो रेट कम होती है, तो उन्हें सस्ती दरों पर लोन मिलता है। इससे बैंक की ब्याज दरें भी घट जाती हैं।

क्या है रिवर्स रेपो रेट?

बैंक, RBI से जो कर्ज लेते हैं, उसमें कुछ पैसा बच जाता है। इसे वो वापस रिजर्व बैंक को जिस रेट पर देते हैं उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। यानी बैंकों को बचे हुए पैसे जमा करने पर रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बढ़ाकर बैंकों को ज्यादा पैसा रिजर्व बैंक में रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे बाजार से एक्सट्रा लिक्विडिटी को कंट्रोल कर महंगाई पर काबू रखने में मदद मिलती है।

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