खुशखबरी: भारत पर वैश्विक मंदी का शून्य प्रभाव, पश्चिमी देशों की बिगड़ेगी आर्थिक हालत, अमेरिका, यूके और न्यूजीलैंड को लेकर आई यह खबर...

आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को भले ही 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है लेकिन वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 13, 2023 2:42 PM IST / Updated: Apr 13 2023, 08:15 PM IST

Reccession Probabilities worldwide 2023: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड द्वारा भारत का ग्रोथ रेट घटाए जाने के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। माना यह जा रहा है कि 2023 में जब पूरी दुनिया विशेषकर पश्चिमी देश आर्थिक मंदी की चपेट में हो सकते हैं तो भारत में इसकी आहट बिल्कुल शून्य होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत, चीन सहित कई देश मंदी से सबसे कम प्रभावित होंगे जबकि अमेरिका, यूके सहित अन्य पश्चिमी देशों में मंदी की जबर्दस्त मार पड़ने जा रही है।

मंदी से सबसे कम कौन होगा प्रभावित?

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दुनिया में मंदी का अनुमान लगाने वालों ने रिपोर्ट की है कि भारत पर विश्वव्यापी मंदी 2023 का शून्य प्रभाव होगा। जबकि इंडोनेशिया पर दो प्रतिशत प्रभाव पड़ सकता है। सऊदी अरब पर पांच प्रतिशत प्रभाव पड़ेगा तो चीन पर 12.5 प्रतिशत प्रभाव पड़ सकता है। ब्राजील पर 15 तो स्विटजरलैंड पर 20 प्रतिशत प्रभाव पड़ेगा।

 

 

इन पर भी मध्यम श्रेणी का प्रभाव

स्पेन पर 25 प्रतिशत, मेक्सिको 27.5, साऊथ कोरिया पर 30 प्रतिशत, जापान पर 35 प्रतिशत, रूप पर 37.5 प्रतिशत, आस्ट्रेलिया पर 40 प्रतिशत, साऊथ अफ्रीका पर 45 प्रतिशत तो फ्रांस पर 50 प्रतिशत वैश्विक मंदी का प्रभाव पड़ सकता है।

सबसे अधिक प्रभाव इन देशों पर...

वैश्विक मंदी 2023 का सबसे अधिक प्रभाव पश्चिम देशों पर पड़ने का अनुमान लगाया गया है। कनाडा, इटली, जर्मनी पर 60 प्रतिशत मंदी का प्रभाव पड़ने का अनुमान है। जबकि अमेरिका पर 65 प्रतिशत वैश्विक मंदी का प्रभाव पड़ सकता। न्यूजीलैंड पर 70 तो यूके पर सबसे अधिक 75 प्रतिशत प्रभाव मंदी का पड़ने का अनुमान है।

फिर भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को भले ही 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है लेकिन वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 2023-24 के वित्तीय वर्ष में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर पिछले वर्ष के अनुमानित 6.8 प्रतिशत की तुलना में है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ग्रोथ का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान से कम है। जबकि आरबीआई 2022-23 में 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि और 1 अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत का अनुमान लगाया है। सरकार ने अभी तक 2022-23 के लिए पूरे साल के जीडीपी आंकड़े जारी नहीं किए हैं। पढ़िए पूरी खबर…

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