बदल जाएगी Anil Ambani की किस्मत, बेटे को मिली सफलता की चाबी

अनिल अंबानी का परिवार एक नए व्यवसाय में कदम रख रहा है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपनी एक नई सहायक कंपनी, रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (RJPPL) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र में विस्तार करना है।

नई दिल्ली: अनिल अंबानी का व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। हाल ही में, हिंदुजा समूह ने रिलायंस कैपिटल डील के तहत एस्क्रो खाते में 2,750 करोड़ रुपये जमा किए हैं। इसी बीच, अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) ने अपनी नई सहायक कंपनी, रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (RJPPL) के ज़रिए एक नई पहल की घोषणा की है। शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार, कंपनी रियल एस्टेट व्यवसाय में उतरने की तैयारी कर रही है। इस घोषणा के बाद रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। 13 अगस्त को कंपनी का मार्केट कैप 8,811 करोड़ रुपये रहा।

रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (RJPPL), रिलायंस एनर्जी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो स्वयं रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक सहायक कंपनी है। 12 अगस्त, 2024 को, रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने आधिकारिक तौर पर 10 रुपये के अंकित मूल्य के 10 हजार इक्विटी शेयर जारी किए, जिनका कुल मूल्य 1,00,000 रुपये है। नई कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करेगी, जिसका उद्देश्य विभिन्न संपत्तियों का अधिग्रहण, बिक्री, पट्टे और विकास करना है।

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वर्तमान में, रियल एस्टेट भारत में तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। ऐसे में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य इस क्षेत्र से लाभ उठाना और अपने शुद्ध लाभ में वृद्धि करना है। केंद्र सरकार का भी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। रियल एस्टेट उद्योग शहरीकरण, सड़क निर्माण, आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के निर्माण से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत, 2022 तक 2 करोड़ किफायती घर बनाने का लक्ष्य था। 2023 तक, लगभग 1 करोड़ 14 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से 97 लाख 10 हजार घरों का निर्माण करके लोगों को सौंप दिया गया है।

 

100 स्मार्ट शहरों के लिए 48,000 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने देश में 100 स्मार्ट शहरों के निर्माण के लिए 48,000 करोड़ रुपये ($6.5 बिलियन) आवंटित किए हैं। 2023 में, 1.93 लाख करोड़ रुपये ($26 बिलियन) की लागत वाली 7,900 से अधिक परियोजनाओं के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इनमें से 93,500 करोड़ रुपये ($12.6 बिलियन) की लागत वाली 4,700 से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। बुनियादी ढांचे के लिए सबसे अधिक धनराशि सड़कों और राजमार्गों के निर्माण के लिए आवंटित की जाती है, इसके बाद शहरों में रेलवे और सार्वजनिक परिवहन का स्थान है।

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को 2 लाख किलोमीटर तक बढ़ाने का है। हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाकर 220 करने का लक्ष्य है। सरकार ने परिवहन क्षेत्र में बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें 23 जलमार्गों को चालू करना और 35 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) स्थापित करना शामिल है। 2023 के बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 3.7 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे 2024 में बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में रियल एस्टेट उद्योग में तेजी से वृद्धि होगी।

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