दुनिया में सबसे ज़्यादा तेल निर्यात करने वाले देश चीन में तेल की खपत में आई कमी की वजह से सऊदी अरब तेल की कीमतें घटाने पर विचार कर रहा है.
एशियाई देशों को कच्चे तेल की कीमतें कम करके देने की तैयारी में है दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश सऊदी अरब। भारत समेत सऊदी अरब से तेल आयात करने वाले देशों को इस फ़ैसले से फायदा होगा। प्रति बैरल 70 सेंट तक कीमतें घट सकती हैं। दुनिया में सबसे ज़्यादा तेल आयात करने वाले देश चीन में तेल की खपत में आई कमी की वजह से सऊदी अरब तेल की कीमतें घटाने पर विचार कर रहा है.
चीन का निर्माण और रियल एस्टेट सेक्टर भारी मंदी के दौर से गुज़र रहा है। इन दोनों ही सेक्टरों में ईंधन की खपत में भी यह गिरावट देखने को मिल रही है। आमतौर पर सितंबर महीने में चीन में तेल की खपत बढ़ जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा, ऐसा जानकारों का मानना है.
अक्टूबर महीने से तेल की खपत बढ़ाने का फ़ैसला लिया है तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC ने। अगर ऐसा होता है तो रोज़ाना 1.80 लाख बैरल तेल बाज़ार में आएगा। इससे तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है, इस बात की आशंका तेल उत्पादक देशों को सता रही है। तेल की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए OPEC ने रोज़ाना 2.2 लाख बैरल तेल उत्पादन घटाने का फ़ैसला लिया था। इसी में से 1.80 लाख बैरल की कटौती अक्टूबर से वापस ली जा सकती है.
सऊदी अरब द्वारा तेल की कीमतें घटाए जाने की ख़बर आते ही अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। प्रति बैरल क़ीमत घटकर 72.89 डॉलर हो गई। भारत जो ब्रेंट क्रूड खरीदता है उसकी क़ीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ ब्रेंट क्रूड 76.10 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.