1 शेयर, 4 साल...और बंदे ने 5 लाख के बना दिए 25 करोड़

मशहूर स्टॉक इन्वेस्टर डॉली खन्ना के पति राजीव खन्ना, जो कभी आइसक्रीम बेचते थे, आज शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक हैं। जानिए कैसे उन्होंने शेयर मार्केट में सही समय पर एंट्री और एग्जिट करके करोड़ों रुपए कमाए।

बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में एक से बढ़कर एक ऐसे कई प्लेयर पड़े हैं, जो कुछ सालों में ही फर्श से अर्श पर पहुंचे हैं। आज हम बात करेंगे मशहूर स्टॉक इन्वेस्टर राजीव खन्ना की, जो डॉली खन्ना के पति हैं। डॉली खन्ना का पोर्टफोलियो उनके पति राजीव ही मैनेज करते हैं। राजीव वो शख्स हैं, जो शेयर में सही वक्त पर एंट्री और एग्जिट करके करोड़ों कमा चुके हैं।

कभी आइस्क्रीम का बिजनेस करते थे राजीव खन्ना

राजीव खन्ना ने 1986 में क्वालिटी मिल्क फूड्स एंड आइस्क्रीम का बिजनेस शुरू किया था। उनका बिजनेस काफी अच्छा चला, लेकिन उन्होंने 1995 में अपनी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड को बेच दी। इस कंपनी को बेचने के बाद राजीव खन्ना को काफी बड़ा अमाउंट मिला था, जिसे वो इन्वेस्ट करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने अपना पैसा फिक्सड डिपॉजिट में रख लिया।

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1996 में सिर्फ शौक के लिए शुरू किया इन्वेस्टमेंट

1996 में राजीव खन्ना ने शेयर मार्केट में शौकिया तौर पर इन्वेस्टमेंट शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने सत्यम कम्प्यूटर्स नाम की कंपनी में पैसा लगाया। राजीव खन्ना ने इस कंपनी में सिर्फ ये सोचकर पैसा लगा दिया था, क्योंकि उनके पड़ोसी का बेटा इस कंपनी में जॉब करता था। हालांकि, उन्हें लगा कि टेक कंपनी में निवेश कर काफी पैसा कमाया जा सकता है, इसलिए उन्होंने बहुत सारी टेक कंपनियों में पैसा लगा दिया।

2000 में तीन गुना हो गया पैसा

4 साल बाद ही यानी साल 2000 में उनके निवेश की रकम तीन गुना बढ़ चुकी थी। ऐसे में उन्होंने अपना पैसा निकाल लिया। जैसे ही उन्होंने मार्केट से अपना पैसा निकाला, उसके कुछ समय बाद ही टेक शेयर क्रैश हो गए। इसके बाद राजीव खन्ना इतने डर गए कि उन्होंने अपना सारा पैसा वापिस FD में लगा दिया।

Unitech के शेयर बने पारस पत्थर

2003 में राजीव खन्ना दिल्ली में एक फ्लैट खरीदना चाहते थे, जिसके लिए वो रियल एस्टेट कंपनी यूनीटेक के ऑफिस पहुंचे। जब उन्होंने यूनीटेक का लग्जरी ऑफिस देखा तो उसके बारे में कुछ रिसर्च की और इसके बाद उस कंपनी के 5 लाख रुपए के शेयर खरीद लिए। 2004 में यूनीटेक के एक शेयर की कीमत सिर्फ 1.10 रुपए थी। वहीं, 2008 में यानी 4 साल बाद ही इसके एक शेयर की कीमत बढ़कर 546 रुपए हो गई थी। ऐसे में राजीव खन्ना के 5 लाख रुपए सिर्फ 4 साल में ही 25 करोड़ रुपए बन गए थे।

शेयर में कब एंट्री और कब एग्जिट करना है, ये सबसे अहम

बता दें कि 2008 में आई वैश्विक मंदी में दुनियाभर के शेयर बाजार क्रैश हो गए थे। लेकिन राजीव खन्ना ने इस गिरावट से पहले ही अपना सारा पैसा निकाल लिया था। राजीव खन्ना से सीखा जा सकता है कि किसी शेयर में कब एंट्री लेनी है और कब उससे बाहर निकल जाना है। जिसने ये टेक्नीक सीख ली वही शेयर बाजार में सर्वाइव कर सकता है। बता दें कि राजीव खन्ना ने जिस यूनीटेक के शेयर से पैसा बनाया आज के वक्त में उसकी कीमत दोबारा गिरकर महज 9 रुपए रह गई है।

(Disclaimer : शेयर बाजार में निवेश तमाम जोखिमों के अधीन है। किसी भी स्टॉक में निवेश से पहले किसी अच्छे एक्सपर्ट की राय जरूर लें।)

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