जिम्बाब्वे-आइसलैंड से भी ज्यादा Low हुआ भारतीय शेयर बाजार का जोश, जानें चीन-जापान का हाल

Published : Feb 15, 2025, 11:14 AM IST
Share Market

सार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है। भारतीय बाजार पर इसका असर सबसे ज्यादा है।

Share Market After Donald Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से दुनियाभर के स्टॉक मार्केट (Stock Market) डरे-सहमे से हैं। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से दुनिया में ट्रेड वॉर तेज होने की आशंका है। इस चिंता में एशिया के कई देशों के बाजार धराशाई हो गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान भारत को उठाना पड़ रहा है। जहां बाजार जोश ही नहीं भर पा रहे हैं। इसका असर शुक्रवार, 14 फरवरी को देखने को मिला, जब भारतीय शेयर मार्केट की वैल्यूएशन 4 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 346.78 लाख करोड़ रुपए से भी नीचे आ गई। कारोबार के दौरान बाजार का कैपिटलाइजेशन 3.98 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया, जिसमें बाद में रिकवरी देखने को मिली।

मार्केट कैप बेंचमार्क से नीचे 

4 दिसंबर, 2023 के बाद पहला मौका है जब मार्केट कैप बेंचमार्क के नीचे आ गया है। दिसंबर में यह 5.14 ट्रिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था। भारतीय शेयर बाजार में 18.33% की गिरावट है। भारतीय रुपया इस साल अमेरिकी डॉलर की तुलना में करीब 1.5% तक कमजोर हुआ है। दुनियाभर के बाजारों की तुलना में यह इस साल का सबसे बड़ा नुकसान है।

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जिम्बाब्वे-आइसलैंड से भी ज्यादा गिरा भारतीय बाजार 

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजारों में आई गिरावट जिम्बाब्वे और आइसलैंड जैसे देशों से भी ज्यादा है। जिम्बाब्वे का बाजार 18.3% और आइसलैंड का 18% तक गिरा है। दुनिया के सबसे बड़े मार्केट अमेरिका की बात करें तो मार्केट वैल्यू इस साल 3% तक बढ़ी है। चीन और जापान में भी 2.2% तक का इजाफा आया है। वहीं, हॉन्ग कॉन्ग 1.2%, कनाडा 7.2%, यूके 7.1% और फ्रांस 9.9% तक बढ़ा है।

भारतीय बाजार में मंदी की आशंका 

इस साल सेंसेक्स-निफ्टी में अब तक 3.4% से ज्यादा की गिरावट आई है। BSE मिडकैप 15% और स्मॉलकैप 18% से ज्यादा गिरे हैं। विदेशी निवेशकों (FIIS) के बिकवाली के चलते मंदी की आशंका बढ़ गई है। इस साल अब तक भारतीय इक्विटी से 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की निकासी की गई है। इसके सबसे बड़े कारण धीमी विकास दर, कमजोर आय और हाई वैल्यूएशन की चिंताएं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ प्लान है। जिससे बाजार के सेंटिमेंट्स प्रभावित हुए हैं।

नोट- किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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