
बिजनेस डेस्क। कहते हैं, जब किस्मत मेहरबान होती है तो लक्ष्मी आपके पास चलकर आती है। ऐसा ही कुछ हुआ 85 साल के एक बूढ़े शख्स के साथ, जिसने एक दोस्त के कहने पर कुछ शेयर खरीदे थे। इन्हें खरीदने के बाद वो भूल गया कि उसके पाछ कुछ स्टॉक्स पड़े हैं। हालांकि, बाद में जब पता चला तो उन शेयरों की बदौलत बंदा रातोरात करोड़पति बन गया। जानते हैं आखिर क्या है किस्सा?
बेंगलुरू के रहने वाले जगन्नाथ (बदला हुआ नाम) 60 के दशक में नौकरी की तलाश में खाड़ी देश पहुंचे। पेशे से इंजीनियर जगन्नाथ ने दुबई में काम शुरू किया और अच्छा पैसा बनाया। नौकरी के दौरान उनके साथ काम करने वाले शख्स ने उन्हें शेयर मार्केट के बारे में बताया। हालांकि, जगन्नाथ को इसमें कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा। फिर भी दोस्त के कई बार जोर देने पर उन्होंने भारत की मशहूर FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के 100 शेयर खरीद लिए। उस दौर में शेयरों की खरीद-फरोख्त ऑनलाइन नहीं थी, इसलिए उन्हें इन शेयरों के बदले सर्टिफिकेट मिले।
कुछ साल तक दुबई में नौकरी करने के बाद जगन्नाथ जब रिटायर हुए तो वे अपने बच्चों के पास भारत लौट आए। उनके बच्चे भी अलग-अलग मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रहे हैं। पिता की दवाइयों से लेकर उनके इलाज का पूरा खर्च अब बच्चे ही उठा रहे हैं।
जगन्नाथ ने दोस्त के कहने पर किसी तरह 100 शेयर तो खरीद लिए लेकिन स्टॉक मार्केट में कोई दिलचस्पी न होने की वजह से वो धीरे-धीरे इन्हें भूल गए। उन्होंने इन शेयरों का जिक्र न तो अपने किसी दोस्त से किया और ना ही परिवारवालों से।
पिछले 50-60 सालों में जगन्नाथ द्वारा खरीदे गए 100 शेयर कई बार कंपनी के बोनस शेयरों के ऐलान से अब बढ़कर 7000 हो चुके थे। यानी पिछले 5 से 6 दशक में उनके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या 70 गुना से ज्यादा हो चुकी थी। हालांकि, उन्हें इसका जरा भी अहसास नहीं था।
हिंदुस्तान यूनीलिवर के शेयर फिलहाल 2528 रुपए के आसपास ट्रेड कर रहे हैं। यानी जगन्नाथ के खरीदे गए वो 100 शेयर जो अब बढ़कर 7000 हो चुके थे, उनकी वर्तमान कीमत 1.77 करोड़ रुपए हो चुकी है। मतलब एक तरह से अनजान शेयरों ने शख्स को रातोरात करोड़पति बना दिया। इस पैसे से उन्होंने एक नया घर खरीदने के साथ ही कुछ पैसा बच्चों और फैमिली पर खर्च किया है।
वेल्थ रिकवरी फर्म GLC ने जगन्नाथ की काफी मदद की, जिसकी बदौलत उन्हें अपने भूल-बिसरे शेयरों की सही कीमत मिल पाई। 85 साल के हो चुके जगन्नाथ के परिजनों को भी पहले बिल्कुल भरोसा नहीं हुआ कि उनके पिता ने बरसों पहले कोई इस तरह का इन्वेस्टमेंट किया होगा। ऐसा इसलिए भी था, क्योंकि उनके पिता ने कभी गलती से भी शेयर बाजार का जिक्र नहीं किया।
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