Stock Market: क्या होगा डरे-सहमे बाजार का! 5 कारण जो तय करेंगे दिशा

Published : Mar 02, 2025, 10:29 PM IST
Mishtann Foods Stock Crash

सार

इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल अमेरिकी टैरिफ, मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, फेड चेयरमैन के भाषण, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की नीतियों पर निर्भर करेगी। 

Stock Market Prediction This Week: पिछले कई महीनों से शेयर बाजार आए दिन गिरावट के रिकॉर्ड बना रहा है। बीते शुक्रवार 28 फरवरी को सेंसेक्स 1414 प्वाइंट जबकि निफ्टी 420 प्वाइंट की गिरावट पर बंद हुए। ऐसे में निवेशकों के मन में इस हफ्ते बाजार को लेकर अजीब-सा डर है। आखिर वो कौन-से कारण होंगे, जो इस हफ्ते बाजार की दिशा और दशा तय करेंगे।

1- अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी

इस हफ्ते भी निवेशकों की निगाहें अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी पर रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ लगाने की बात कही है, तब से बाजार में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। ट्रम्प ने कहा था कि कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे। साथ ही चीन से आने वाले सामानों पर एडिशनल 10% ड्यूटी लगाई जाएगी।

2- मैक्रोइकोनॉमिक्स डेटा

इस हफ्ते HSBC के मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस PMI के आंकड़े आने हैं। इन पर भी निवेशक नजरें गड़ाए रहेंगे। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि कमजोर ग्लोबल रुख और डोमेस्टिक मोर्चे पर कोई बड़ा ट्रिगर न होने की वजह से बाजार में कमजोरी बनी रह सकती है।

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3- फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण

इस हफ्ते फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ब्याज दर में कटौती के अलावा ग्रोथ और जॉब्स नंबर्स को लेकर अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा अमेरिका के बेरोजगारी आंकड़ों पर भी शेयर बाजार की नजरें रहेंगी। इन्हीं के आधार पर शेयर बाजार रिएक्ट कर सकता है।

4- विदेशी-घरेलू संस्थागत निवेशक

FII ने पिछले हफ्ते कैश सेगमेंट में 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों ने 22,252 करोड़ रुपए के शेयर खरीद काफी हद तक इसकी भरपाई की कोशिश की। विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार भारतीय बाजार से बिकवाली कर रहे हैं, जिसका दबाव भी शेयर मार्केट पर नजर आ रहा है। इस हफ्ते भी FII एक्टिविटीज पर बाजार की नजरें रहेंगी।

5- ECB की मॉनिटरी पॉलिसी

6 मार्च को यूरोपीय सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी में हुए फैसलों पर भी बाजार रिएक्ट करेगा। माना जा रहा है कि बैंक ग्रोथ पर फोकस करते हुए ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प के 25% टैरिफ लगाने के बाद यूरो क्षेत्र में मंदी का संकट गहरा सकता है।

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