टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सीट न मिलने को बेतुका बताया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि शक्तिशाली देश है वो यूएनएससी की सदस्यता छोड़ना नहीं चाहते है।
नई दिल्ली. भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सीट न मिलने को बेतुका बताया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि शक्तिशाली देश है वह यूएनएससी की सदस्यता छोड़ना नहीं चाहते है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी-इजरायली व्यवसायी माइकल आइजेबर्ग की पोस्ट को पर इसका जवाब दिया है। इसमें उन्होंने यूएनएससी की कड़ी आलोचना भी की है। उन्होंने कहा है कि यूएनएससी में भारत के पास स्थायी सीट न होना समझ के बाहर है।
यूएनएससी के बयान पर भारत का जिक्र
अमेरिकी-इजरायली बिजनेसमैन माइकल आइजेनबर्ग ने यूएनएससी के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के बयान पर भारत का जिक्र किया था। गुटेरेस ने यूएनएससी में आफ्रिका के लिए स्थायी सीट के लिए समर्थन किया था। इस बात का विरोध जताते हुए आइजेनबर्ग ने कहा कि "भारत के बारे में क्या कहेंगे?" आइजेनबर्ग ने यहां तक कह दिया कि यूएन को भंग कर देना चाहिए और नए नेतृत्व के साथ यूएन का गठन हो।
भारत के पक्ष में एलन मस्क
एलन मस्क ने लिखा कि यूएन को इस बारे में सोचने की जरूरत है। समस्या ये है कि जो देश बेहद शक्तिशाली है, वे इसे छोड़ना नहीं चाहते। धरती पर सबसे ज्यादा जनसंख्या होने के बावजूद भारत यूएनएससी में स्थायी सदस्य नहीं बनाना बेहद हास्यपद है। साथ ही आफ्रिका को भी सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाना चाहिए।
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। लेकिन चीन की वजह से भारत को स्थाई सदस्यता नहीं मिल पा रही है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
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