
Tesla denied manufacturing in India: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने सोमवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि Tesla भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (Tesla Manufacturing India) शुरू करने के मूड में नहीं है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी केवल भारत में शोरूम खोलना चाहती है, ना कि उत्पादन इकाई। कुमारस्वामी ने कहा कि हमने उनसे मैन्युफैक्चरिंग की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने केवल शोरूम खोलने की बात कही है।
भारी उद्योग सचिव कमरान रिज़वी (Kamran Rizvi) ने बताया कि Tesla की ओर से कोई औपचारिक आवेदन अभी नहीं आया है और मंत्री जी जो कह रहे हैं, वह अनौपचारिक बातचीत के आधार पर है।
कुमारस्वामी ने बताया कि Hyundai, Mercedes Benz, Skoda और Kia जैसी European ऑटो कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खोलने को लेकर काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं। इन कंपनियों को भारत की नई EV Policy 2022 के तहत आकर्षक रियायतें मिल रही हैं।
सरकार के अनुसार, यूरोपीय देशों में वाहन लेफ्ट हैंड ड्राइव (Left Hand Drive) होते हैं, जो भारत के ट्रैफिक सिस्टम से मेल खाते हैं। ऐसे में इन कंपनियों को कार एक्सपोर्ट के लिए ज्यादा बदलाव नहीं करने पड़ते। जबकि अमेरिका में राइट हैंड ड्राइव (Right Hand Drive) होने के कारण अतिरिक्त लागत और संशोधन की आवश्यकता पड़ती है।
भारत सरकार की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (EV Policy 2022) के तहत, अगर कोई कंपनी भारत में 500 मिलियन USD का निवेश करती है तो उसे केवल 15% इम्पोर्ट ड्यूटी देनी होगी। पहले तीन वर्षों में 25% लोकल सोर्सिंग अनिवार्य होगी, जो पांचवें साल तक बढ़ाकर 50% करनी होगी। कंपनियों को हर साल 8,000 यूनिट्स तक वाहन आयात करने की छूट मिलेगी, वो भी सिर्फ 15% ड्यूटी पर।
पहले ऐसी खबरें आई थीं कि Tesla भारत में अपने इलेक्ट्रिक कार मॉडल्स को इंपोर्ट कर यहां शोरूम्स के जरिए बेचने की योजना बना रही है। एलन मस्क ने अतीत में भारत में निवेश की इच्छा जताई थी लेकिन उच्च आयात शुल्क (High Import Duty) को उन्होंने सबसे बड़ी अड़चन बताया था।
Tesla भले ही उत्पादन से पीछे हट रही हो लेकिन भारत Hyundai, Kia, Skoda, Mercedes-Benz जैसी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का नया मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। नई नीति और सस्ते उत्पादन लागत के चलते भारत अब ग्लोबल EV मार्केट में तेजी से उभर रहा है।