मार्च के महीने के अब कुछ ही दिन बचे है। यानी की फाइनेंशियल ईयर 2023-24 लगभग खत्म होने वाले है। आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है। ऐसे में आपके पास टैक्स बचाने के लिए महज 3 से 4 दिन का है। ऐसे में जानिए टैक्स में बचत करने के टिप्स…
बिजनेस डेस्क. मार्च के महीने के अब कुछ ही दिन बचे है। यानी की फाइनेंशियल ईयर 2023-24 लगभग खत्म होने वाले है। आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च है। इस बार ये वित्त वर्ष संडे के साथ खत्म हो रहा है। ऐसे में आपके पास टैक्स बचाने के लिए बहुत कम समय बचा है। अगर आपने वित्त वर्ष 2020-21 या 2021-22 के लिए अपनी आय का गलत विवरण दिया हो या छूट गई है तो आपके पास एक आखिरी मौका है।
अगर आप अपने टैक्स में बचत करना चाहते है, तो जल्दी करें। आज हम आपको टैक्स बचाने की टिप्स बताएंगे।
एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड
कंपनी आपके वेतन का 12% हिस्सा ईपीएफ खाते में जमा करती है। इसमें टैक्स बचत का एक अच्छा तरीका है बल्कि आपके भविष्य के लिए फायदेमंद है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
यह सरकार की एक सुरक्षित योजना है। इसमें 15 साल तक के लिए इन्वेस्ट किया जाता है। 7 साल बाद आप आंशिक रूप से राशि निकाल सकते हैं। इस पर 8% ब्याज मिलता है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
अगर आप जोखिम लेने सक्षम है तो आप इस स्कीम में इन्वेस्ट कर सकते है। यह फंड शेयर बाजार से जुड़ा होता है। इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसमें 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स में छूट
इनकम टैक्स की धारा 80EEB के तहत, इलेक्ट्रिक वाहन पर लिए गए लोन के ब्याज पर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक के क्लेम का दावा कर सकते है।
बीमा के प्रीमियम पर टैक्स छूट
हेल्थ इंश्योरेंस पर 25 हजार रुपए तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। साथ में माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस पर भी इंश्योरेंस पर भी 25 हजार रुपए की छूट का लाभ मिलता है।
फॉर्म 12BB
सभी वेतन भोगी कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले अपने नियोक्ता को फॉर्म 12BB जमा कर देना चाहिए। इस फॉर्म की मदद से अपने इन्वेस्टमेंट और खर्चों पर कर फायदा ले सकते है। इसमें आप एचआरए, यात्रा रियायत और होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट आदि भी शामिल कर सकते हैं।
पीपीएफ और एनपीएस खातों में मिनिमम बैलेंस रखें
यह सभी पीपीएफ और एनपीएस के अकाउंट होल्डर्स अपने खातों को वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि जमा करें। ऐसा न करने पर अकाउंट डिएक्टिवेट हो सकता है।
लोन डेबिट विवरणों को अपडेट रखें
जिन्होंने बीमा प्रीमियम, एसआईपी या हाउसिंग लोन का भुगतान ईसीएस के माध्यम से किया है, तो आपको 31 मार्च से पहले अपने बैंक खाते में ईसीएस डेबिट विवरणों की जांच करनी चाहिए।
इन योजनाओं में निवेश से होगी कटौती
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर दावा कर सकते है। जैसे सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना और नेशनल पेंशन सिस्टम जैसी स्कीम शBu