Personal Loan की EMI कम करने का सबसे सीक्रेट तरीका

पर्सनल लोन की EMI आपको परेशान कर रही है? बैलेंस ट्रांसफर की मदद से कम ब्याज दर और छोटी किस्तों का लाभ उठा सकते हैं। यह विकल्प आपकी EMI को कम कर सकता है और लोन चुकाना भी आसान बना सकता है।

Satyam Bhardwaj | Published : Sep 27, 2024 7:48 AM IST / Updated: Sep 27 2024, 01:45 PM IST

बिजनेस डेस्क : अचानक कोई दौड़ता हुआ खर्च कब सामने आ जाए, इसका कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे किसी दोस्त या रिश्तेदार से मदद न मिले तो ज्यादातर लोग बैंक से पर्सनल लोन (Personal Loan) ले लेते हैं। यह लोन बड़े ही आसानी से मिल जाता है, क्योंकि इसका ब्याज काफी ज्यादा होती है। ऐसे में सैलरीपर्सन के लिए इसे चुका पाना काफी महंगा पड़ता है। अगर आपने भी कहीं से पर्सनल लोन ले रखा है और लग रहा है कि उसका ब्याज (Interest Rate) काफी ज्यादा है तो आप EMI कम करने के लिए एक सॉलिड जुगाड़ अपना सकते हैं, जिसका नाम पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (Personal Loan Balance Transfer) है। इस ऑप्शन से आपको काफी राहत मिल सकती है, आपकी ईएमआई छोटी हो सकती है। जानिए पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर क्या होता है, इसके क्या फायदे हैं, यह किस्त को कम कैसे कर सकता है...

बैलेंस ट्रांसफर क्या होता है

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इसमें जो लोन चल रहा है, उसे किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं। ब्याज कम करने के लिए आजकल बहुत से लोग इसकी मदद ले रहे हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) अच्छा है तो दूसरे बैंक बड़े ही आसानी से मौजूदा इंट्रेस्ट रेट से सस्ते लोन ऑफर करते हैं। इससे आपकी EMI कम हो जाती है।

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के फायदे

1. बैलेंस ट्रांसफर से रनिंग लोन के ब्‍याज से कम में ब्याज दर मिल जाता है, इससे EMI कम हो जाती है।

2. बैलेंस ट्रांसफर से अपने बचे पर्सनल लोन के समय को बढ़ा सकते हैं। इससे भी EMI छोटी यानी कम हो जाती है। हालांकि, इसके लिए ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है।

3. कई बैंक मौज़ूदा पर्सनल लोन को ट्रांसफर करने पर टॉप-अप पर्सनल लोन जैसी सुविधा भी देते हैं। जिसमें मौजूदा लोन के अलावा ज्यादा पैसा या लोन बैंक से फिर से पा सकते हैं।

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर फ्री है या फीस लगती है

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए नए बैंक कोलेटैरल जमा नहीं करते हैं, मतलब कुछ भी गिरवी नहीं रखवाते हैं लेकिन इसके लिए फोरक्‍लोजर फीस और लोन ट्रांसफर फीस देना पड़ता है। जिस भी बैंक में आप अपना लोन ट्रांसफर करवा रहे हैं, वहां स्टाम्प ड्यूटी के साथ लोन प्रोसेसिंग फीस और बाकी फीस भी देनी पड़ सकती है, जो नए आमतौर पर पर्सनल लोन के लिए लगती है।

पर्सनल लोन की EMI चुकाने का क्या तरीका है

बाकी लोन की तरह ही पर्सनल लोन भी चुकाया जाता है। लोन लेते समय उसे चुकाने का टेन्योर तय होता है। मान लीजिए आप दो साल के लिए लोन लेते हैं तो आपको कुल 24 EMI में लोन और उसका ब्याज चुकाना होगा। सभी लोन में शुरुआत के महीनों में चुकाई जाने वाली किस्त का बड़ा हिस्सा ब्याज होता है। लोन की अवधि बढ़ने के साथ ब्याज कम और प्रिंसिपल अमाउंट बढ़ता जाता है। यही कारण है कि किसी भी लोन का टेन्योर जितना कम होगा, वो उतना ही सस्ता पड़ता है।

पर्सनल लोन क्यों ज्यादातर लोगों को पसंद आता है

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