सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना: UPS क्या है और NPS से कैसे अलग है?

केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2025 से सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (UPS) लागू करेगी। यह योजना अंतिम वेतन पर आधारित पेंशन और मृत्यु पर आश्रितों के लिए लाभ प्रदान करती है। वर्तमान NPS और नई UPS के बीच महत्वपूर्ण अंतर हैं।

Vivek Kumar | Published : Aug 25, 2024 6:08 AM IST / Updated: Aug 25 2024, 11:39 AM IST

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS (Unified Pension Scheme) नाम की नई पेंशन योजना लेकर आई है। इसपर मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोग इसे NPS (National Pension Scheme) से अच्छा बता रहे हैं तो कुछ को यह खास पसंद नहीं आई है। 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। आइए जानते हैं NPS और UPS में क्या अंदर है। इसकी क्या खासियत है।

UPS की खास बातें, कम से कम कितना पैसा मिलेगा?

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UPS के तहत रिटायर होने से पहले अंतिम 12 महीनों के दौरान मिले औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलेगी। इसकी गारंटी है। इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 25 साल काम करना जरूरी है।

अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी नहीं की है तो उनकी पेंशन राशि आनुपातिक होगी। कर्मचारी की मौत हुई तो परिवार को पेंशन का 60% मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल सेवा की है तो उसे 10 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन मिलेगा। महंगाई बढ़ने पर पेंशन के पैसे बढ़ेंगे।

UPS के तहत रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान भी मिलेगा। यह कर्मचारी द्वारा पूरी की गई सेवा के प्रत्येक छह महीने के लिए मासिक वेतन और महंगाई भत्ता के दसवें हिस्से के बराबर होगा। इस भुगतान से पेंशन का पैसा प्रभावित नहीं होगा।

क्या है UPS और NPS में अंतर?

नई UPS मौजूदा NPS से काफी अलग है। NPS में कितना पेंशन मिलेगा यह अंशदान मॉडल पर निर्भर करता है। इसमें लाभ जमा किए गए पैसे और रिटायरमेंट के समय के लिए चुनी गई वार्षिकी योजना से जुड़े होते हैं। दूसरी ओर UPS में कितना पेंशन मिलेगा यह कर्मचारी के अंतिम वेतन और सेवा की अवधि के आधार पर तय है।

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NPS में कर्मचारी के परिवार को कितना पेंशन मिलेगा यह जमा किए गए पैसे पर निर्भर करता है। वहीं, UPS में कर्मचारी की मौत होने पर आश्रितों को उसकी पेंशन का 60% मिलना तय है। वर्तमान NPS में शामिल कर्मचारियों के पास UPS चुनने का विकल्प होगा। UPS में उनके व्यक्तिगत अंशदान की जरूरत नहीं होगी। यह अधिक सब्सिडी और सिक्योरिटी पेंशन संरचना है।

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