Union Budget 2023: क्या होता है इकोनॉमिक्स सर्वे? बजट से पहले क्यों जरूरी, जानें पूरी डिटेल

Published : Jan 31, 2023, 10:15 AM ISTUpdated : Feb 01, 2023, 12:59 PM IST
Nirmala Sitaraman

सार

1 फरवरी को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2023 सदन के पटल पर रखेंगी। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल है कि आखिर इकॉनोमिक्स सर्वे क्या होता है? कौन इस को प्रस्तुत करता है? ये कैसे तैयार किया जाता है?

नई दिल्ली. 1 फरवरी को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2023 सदन के पटल पर रखेंगी। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल है कि आखिर इकोनॉमिक्स सर्वे क्या होता है? कौन इस को प्रस्तुत करता है? ये कैसे तैयार किया जाता है? इसकी क्या अहमियत है? आइए सबकुछ सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं...

दरअसल भारत सरकार हर साल एक इकोनॉमिक्स सर्वे जारी करती है। इसके तहत भारत के बाहरी सेक्टर्स (External Sectors), फिस्कल ट्रेंड्स और मॉनेट्री पॉलिसी जैसे मुद्दे कवर किए जाते हैं। इस दौरान देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान रखते हुए सभी संभावनाओं का जिक्र किया जाता है और आर्थिक हालातों का विश्लेषण किया जाता है। इसके तहत ही नीति निर्धारण तय की जाती है, जिससे आगामी फैसले लिए जाते हैं। इसके अलावा पिछले बजट में किस तरह के फैसले लिए थे और उससे क्या फायदा या नुकसान इन बातों को विश्लेषण किया जाता है।

इकॉनोमिक्स सर्वे कैसे तैयार होता है?

इकोनॉमिक्स सर्वे को केंद्रीय वित्त मंत्रालय तैयार करता है। यह एक तरह से बजट के सामान्तर सलाना रिपोर्ट है। इस सर्वे को मंत्रालयों के इकोनॉमिक्स अफेयर विभाग तैयार करते हैं। बजट से एक दिन पहले इस सर्वे को दोनों सदन के पटल पर रखा जाता है। 31 जनवरी से बजट सत्र शुरु होकर 6 फरवरी तक चलेगा। सर्वे रिपोर्ट देश के चीफ इकॉनोमिक्स एडवाइजर की देखरेख में तैयार किया जाता है।

सदन में इस सर्वे रिपोर्ट को कौन रखता है?

यह सर्वे रिपोर्ट वित्तमंत्री सदन में रखते हैं। 2021-22 में वितमंत्री निर्माला सीतारमन ने इकोनॉमिक्स सर्वे जारी किया था। देश में 1950-51 में पहली बार इकोनॉमिक्स सर्वे जारी किया गया था। इसके बाद 1964 में पहली बार कागजी तौर पर सर्वे रिपोर्ट जारी की गई थी। 

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