
बिजनेस डेस्क : 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लगातार 8वीं बार बजट (Budget 2025) पेश करेंगी। शुक्रवार, 31 जनवरी से 18वीं लोकसभा का पहला बजट सेशन शुरू हो गया है। शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया जाएगा। क्या आपने कभी सोचा है कि बजट लोकसभा (Lok Sabha) में ही क्यों पेश होता है? क्या आम बजट में राज्यसभा (Rajya Sabha) का कोई रोल नहीं होता है? आइए जानते हैं इसका जवाब...
अंग्रेजों के जमाने से लेकर 2016 तक आम बजट फरवरी महीने के लास्ट वर्किंग डे यानी 28 या 29 फरवरी को पेश किया जाता था। 21 जनवरी 2017 को मोदी सरकार ने इसकी तारीख बदलकर 1 फरवरी कर दी। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके दो कारण बताए थे। पहला- बजट पेश करने से लेकर संसद से पारित कराने और लागू करने में मई तक समय लग जाता है। जेटली का कहना था कि 28 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को इसे पेश करने से इसके लिए ज्यादा समय मिलेगा। दूसरा- 2017 में रेल बजट का आम बजट में ही विलय कर दिया गया था। इसकी वजह से आम बजट लागू करने के लिए ज्यादा समय चाहिए था।
लोकसभा में वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इस पर सामान्य चर्चा होती है। इसके बाद तीन और बिल पेश किया जाते हैं।
Budget 2025 : बजट के 25 मजेदार Facts, जिनके बारे में नहीं जानते होंगे
टैक्स और अन्य के जरिए अगर सरकार अपने खजाने में पैसा जमा करती है या निकालती है तो इसकी इजाजत संसद से ली जाती है। खासकर लोकसभा की इजाजत जरूरी होती है। यही कारण है कि आम बजट लोकसभा में ही पेश किया जाता है।
लोकसभा से बजट पास होने के बाद राज्यसभा जाता है। राज्यसबा में इसमें किसी तरह के बदलाव को लेकर सुझाव दिए जा सकते हैं, लेकिन राज्यसभा के सुझाव मानने के लिए लोकसभा बाध्य नहीं है। मतलब अगर सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है तो उसे बजट पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इसे भी पढ़ें
Union Budget 2025: अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण किसका?
Union Budget 2025: किसके नाम है सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड