पार्ले-जी के 'G' का मतलब क्या है? साथ में जानें इस क्यूट तस्वीर के पीछे की कहानी

पार्ले-जी बिस्कुट भारत में एक घरेलू नाम है, लेकिन बहुत कम लोग इसके नाम के पीछे के रहस्य को जानते हैं। पार्ले-जी के इतिहास, इसके प्रतिष्ठित 'G' के अर्थ और ब्रांड से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जानिए।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 9, 2024 1:13 PM IST / Updated: Sep 09 2024, 06:44 PM IST

पार्ले- जी बिस्कुट को चाय में डुबोकर खाना बहुतों की आदत होती है। कई लोगों के लिए तो पार्ले-जी बिस्कुट के बिना तो सुबह ही नहीं होती। इसकी खुशबू और स्वाद एक अलग ही तरह का नॉस्टैल्जिया पैदा करता है। कोरोनावायरस महामारी के समय में तो इसने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। पार्ले-जी बिस्कुट के बारे में खुद को जानकार समझने वाले बहुत से लोग होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि पार्ले-जी में 'G' का क्या मतलब है?   

भारत के सबसे पसंदीदा बिस्कुट पार्ले-जी को पहली बार 1938 में पेश किया गया था। तब इसे पार्ले ग्लूको के नाम से जाना जाता था। धीरे-धीरे इसने अन्य बिस्कुट ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अपनी जगह बनाई। 1985 में, कंपनी ने उत्पाद का नाम बदलकर पार्ले-जी कर दिया। 'G' शुरुआत में 'ग्लूकोज' का प्रतीक था। बाद में इसे ब्रांड स्लोगन बना दिया गया, जिसे 'जीनियस' कहा गया। हालाँकि, पैकेजिंग या स्वाद में कोई बदलाव नहीं किया गया।

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शुरुआत में पार्ले-जी बिस्कुट को बटर पेपर में लपेटकर बेचा जाता था। बाद में इसकी पैकेजिंग प्लास्टिक के पैकेट में बदल गई। पार्ले-जी की स्थापना देश को आजादी मिलने से पहले ही हो गई थी। पार्ले-जी के संस्थापक मोहन लाल दयाल ने 1929 में मुंबई के विले पार्ले में पहली पार्ले फैक्ट्री स्थापित की थी। उस समय पार्ले हाउस की शुरुआत सिर्फ 12 कर्मचारियों के साथ हुई थी। आज यह 50,500 से अधिक कर्मचारियों का परिवार है।

पार्ले जी के पैकेट पर बनी बच्ची की तस्वीर किसकी है, यह सवाल हमेशा से ही एक रहस्य बना हुआ है। कई लोग मानते थे कि वह नीरू देशपांडे हैं। कहा जाता था कि जब वह लगभग 4 साल की थीं, तब उनके पिता ने उनकी यह तस्वीर खींची थी। बाद में, यह अफवाह उड़ी कि वह सुधा मूर्ति हैं।  हालांकि, पार्ले प्रोडक्ट्स के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर मयंक शाह ने सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए बताया कि तस्वीर में दिख रही बच्ची 60 के दशक में एवरेस्ट क्रिएटिव के कलाकार मगनलाल दैया द्वारा बनाई गई एक चित्रण है।

हर महीने लगभग 100 करोड़ पार्ले-जी पैकेट का उत्पादन किया जाता है। इन्हें देशभर में और दुनियाभर के 50 लाख रिटेल स्टोर पर बेचा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर बिस्कुट के मासिक उत्पादन को एक के बाद एक जोड़ दिया जाए, तो यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की 7.25 लाख किमी की दूरी को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।

नीलसन के एक सर्वे के अनुसार, पार्ले-जी खुदरा बिक्री में 5,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाला पहला भारतीय FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) ब्रांड है। क्या आप जानते हैं कि ब्रांड का चीन में भी एक बड़ा ग्राहक आधार है? पार्ले-जी चीन में किसी भी अन्य बिस्कुट ब्रांड की तुलना में अधिक बिकता है। इतना ही नहीं, यह भारत में किसी भी अन्य ब्रांड की तुलना में अधिक बिकता है। पार्ले उत्पाद दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। इसके US, UK, कनाडा, न्यूजीलैंड, मध्य पूर्व और ऑस्ट्रेलिया सहित छह अन्य देशों में उत्पादन होता है। 

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