US Tariffs से 71039 करोड़ के भारतीय निर्यात पर असर पड़ेगा, जानें कौन सा क्षेत्र होगा कितना प्रभावित

Published : Aug 06, 2025, 04:28 PM IST
cargo ship

सार

US Tariff India: अमेरिकी 25% टैरिफ से भारत के 8.1 बिलियन डॉलर के निर्यात प्रभावित होंगे, GDP पर सिर्फ 0.19% असर होगा। PHDCCI का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इन चुनौतियों को संभालने में सक्षम है।

US Tariff Impact on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ लगाया है। इससे भारत पर कितना असर होगा इसकी जानकारी उद्योग निकाय PHDCCI ने दी है। PHDCCI ने बताया है कि टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका को भारत के निर्यात का लगभग 8.1 बिलियन डॉलर (71039 करोड़ रुपए) प्रभावित होगा। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को मैनेज किया जा सकता है। अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने से भारत के कुल वैश्विक वस्तु निर्यात पर 1.87 प्रतिशत का अनुमानित प्रभाव पड़ेगा। इससे भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर 0.19% प्रभाव पड़ेगा।

अमेरिकी टैरिफ से किस क्षेत्र पर पड़ेगा कितना प्रभाव

  • इंजीनियरिंग सामान-1.8 बिलियन अमरीकी डॉलर (15794 करोड़ रुपए)
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान- 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (12283 करोड़ रुपए)
  • फार्मास्यूटिकल्स- 986 मिलियन अमरीकी डॉलर(8650 करोड़ रुपए)
  • रत्न और आभूषण- 932 मिलियन अमरीकी डॉलर (8177 करोड़ रुपए)
  • रेडीमेड कपड़े- 500 मिलियन अमरीकी डॉलर (4387 करोड़ रुपए)

डोनाल्ड ट्रंप ने दी भारत पर लगा टैरिफ बढ़ाने की धमकी

डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूस से तेल आयात बंद करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने 5 अगस्त को कहा कि भारत से आयात पर लगाए जाने वाले टैरिफ को वर्तमान 25 प्रतिशत की दर से अगले 24 घंटों में "काफी हद तक" बढ़ा देंगे। क्योंकि नई दिल्ली रूसी तेल की निरंतर खरीद कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत द्वारा "भारी मात्रा में रूसी तेल" खरीदने के लिए भुगतान किए जाने वाले टैरिफ को "काफी बढ़ा देगा"। मास्को से खरीदा गया अधिकांश तेल "बड़े मुनाफे के लिए" खुले बाजार में बेचा जा रहा है।

अमेरिकी टैरिफ से मिल रही चुनौतियों को मैनेज कर सकता है भारत

PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, "शुल्क संबंधी चुनौती भारत की निर्यात परिष्कार (Export Sophistication) और भौगोलिक विविधीकरण की आवश्यकता को तेज करती है। हमारी रणनीतिक रूपरेखा इस बाधा को लंबे समय के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता वृद्धि (competitiveness enhancement) के अवसर में बदलने का रोडमैप प्रदान करती है।"

PHDCCI के सीईओ और एसजी रंजीत मेहता ने कहा, “25% अमेरिकी टैरिफ चुनौतियां पेश करती हैं, लेकिन भारत की मजबूत घरेलू मांग और विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था लचीलापन प्रदान करती है। हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि इसका प्रभाव महत्वपूर्ण है लेकिन बड़े स्तर पर इसे मैनेज किया जा सकता है। यह भारतीय व्यवसायों के लिए बाजार विविधीकरण और मूल्यवर्धन रणनीतियों को गति देने का एक अवसर पेश करता है।”

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