मिस गोरखपुर सिमरन गुप्ता बन गईं मॉडल चायवाली, कमाई जानकर हैरान रह जाएंगे आप

मिस गोरखपुर और मॉडल रह चुकी सिमरन गुप्ता ने चाय का स्टार्टअप शुरू किया और अब महीने के 1 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रही हैं। आखिर उन्होंने यह काम क्यों शुरू किया, यह भी जानें।

Manoj Kumar | Published : Aug 4, 2023 12:52 PM IST / Updated: Aug 08 2023, 05:36 PM IST

Model Chaiwali Simran Gupta. कहा जाता है कि जब ऊपरवाला आपकी डेस्टिनी में कुछ लिख देता है, तो दूसरे रास्तों पर जाकर भी अपनी असली मंजिल की तरफ मुड़ जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है मिस गोरखपुर रह चुकीं सिमरन गुप्ता की, जो अब मॉडल चायवाली बन चुकी हैं। सिमरन गुप्ता मॉडल बनना चाहती थीं लेकिन अब मॉडल चायवाली बनकर ही संतुष्ट हैं और कहती हैं कि उन्हें यह काम बेहद पसंद भी है। आइए जानते हैं कि कैसे मिस गोरखपुर सिमरन गुप्ता मॉडल चायवाली बन गईं।

कौन हैं मॉडल चायवाली सिमरन गुप्ता

सिमरन गुप्ता का जन्म गोरखपुर के सूरजकुंड में हुआ और वे गोरखपुर यूनिवर्सिटी से ही आर्ट्स ग्रेजुएट हैं। सिमरन के पिता राजेंद्र गुप्ता प्राइवेट जॉब करते हैं, जबकि भाई शारीरिक और मानसिक रुप से विकलांग है। सिमरन पर कठिनाइयों का पहाड़ टूटा और भाई के ईलाज में घर तक बिक गया। आर्थिक तंगी की वजह से सिमरन को कई फैसले करने पड़े। सिमरन को शुरू से ही मॉडलिंग पसंद था और साल 2018 में उन्होंने मिस गोरखपुर कंपीटिशन में हिस्सा लिया। वे विनर बनीं और उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया। फिर उन्हें एडवरटाइज में भी काम करने का मौका मिला। वे बेहतर कर रहीं थीं तभी कोविड ने दस्तक दी और फिर से उनकी लाइफ में ब्रेक लग गया।

कैसे हुआ सिमरन का स्टार्टअप शुरू

कोविड की वजह से जब मॉडलिंग का काम मिलना बंद हो गया तो उन्होंने परिवार की जरूरतों के लिए बिजली विभाग में संविदा पर नौकरी कर ली। वहां भी मुसीबतों ने साथ नहीं छोड़ा और लगातार 5 महीने तक सैलरी नहीं मिली। तब थक हारकर सिमरन को वह नौकरी भी छोड़नी पड़ गई। तब उनके सामने बड़ा सवाल था कि आखिर आमदनी का जरिया क्या बनाएं। उसी वक्त उन्होंने प्रफुल्ल बिल्लोरे और ग्रेजुएट चायवाली के बारे में सुना और अचानक उनके दिमाग में मॉडल चायवाली का आइडिया हिलोरें मारने लगा।

शुरू हो गया मॉडल चायवाली का स्टाल

सिमरन ने सिविल लाइंस में गोरखपुर यूनिवर्सिटी के रानी लक्ष्मीबाई हॉस्टल के बाहर ही मॉडल चाय की स्टाल लगा दी। उनके स्टाल पर 10 रुपए की एक चाय मिलती है और वे सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक स्टाल चलाती हैं। सिमरन कहती हैं कि शुरूआत में थोड़ी दिक्कत हुई फिर लोगों का प्यार मिलता गया और उनका हौंसला बढ़ता गया। इससे उनकी आमदनी भी ठीक हो गई और घर का खर्च अच्छे से चलने लगा। सिमरन बताती हैं कि वे फिलहाल रोजान करीब 300 कप चाय बेच रही हैं और महीने में करीब 1 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। सिमरन की चाहत है कि वे अपने स्टाल और भी बड़ा बनाएंगी।

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