Stock Market Crash Reason: शुक्रवार का दिन शेयर बाजार के लिए Black Friday साबित हुआ। सेंसेक्स जहां 900 प्वाइंट से ज्यादा टूट गया, वहीं निफ्टी में भी 320 अंकों से ज्यादा की गिरावट है। एमके वेंचर्स के फाउंडर मधुसूदन केला के मुताबिक, बाजार में बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली हावी है। ऐसे में अभी इन्वेस्टमेंट करते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। वो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से पैसा निकालकर चीन में लगा रहे हैं। जानते हैं शेयर बाजार में भारी गिरावट की 10 सबसे बड़ी वजहें।
1- विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्टूबर में 93,088 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे, जिससे बाजार की लिक्विडिटी पर सीधा असर पड़ा है।
2- कमजोर वैश्विक बाजार: ग्लोबल शेयर मार्केट से मिले-जुले संकेत और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि ने निवेशकों की सतर्कता बढ़ा दी है। इससे अब निवेशक बहुत सोच-समझकर पैसा लगा रहे हैं।
3- FMCG शेयरों में गिरावट: हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले जैसी प्रमुख FMCG कंपनियों में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है। इस सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में गिरावट से मार्केट में नेगेटिव सेंटिमेंट है।
4- कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे: कई बड़ी कंपनियों के जुलाई-सितंबर तिमाही के खराब नतीजे भी बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह हैं।
5- टेक्निकल रेजिस्टेंस: निफ्टी को 24,500 के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा, जिससे मुनाफावसूली को बढ़ावा मिला। निफ्टी इस लेवल से ऊपर की ओर जाने के लिए संघर्ष करता दिखा।
6- सेक्टोरल वीकनेस: निफ्टी FMCG इंडेक्स में करीब 3% की गिरावट आई, जिससे ओवरऑल मार्केट की परफॉर्मेंस पर असर पड़ा।
7- आर्थिक चिंता: बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों में कटौती न करने से आर्थिक विकास को लेकर कुछ आशंकाएं बढ़ी हैं, जिसका असर भी बाजार पर पड़ रहा है।
8- प्रॉफिट बुकिंग: पिछले कुछ समय से बाजार ओवरवैल्यूड हो चुका था। ऐसे में निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग का फैसला किया, जिसके चलते बाजार में गिरावट है।
9- बाजार में अस्थिरता: बाजारों में बढ़ती अस्थिरता के चलते निवेशकों ने फिलहाल किसी भी तरह के रिस्क से बचने का फैसला किया है।
10- चीन के बाजार का रुख कर रहे FII: एक्सपर्ट्स का मानना है कि FII भारत से पैसा निकाल कर चीन के मार्केट में लगा रहे हैं। ऐसा करने के पीछे सबसे बड़ी वजह चीन के बाजारों का सस्ता होना है।
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